ये नया भारत है, पुराने हथगोले नहीं चलेंगे! पहली निजी कंपनी देगी नए अस्त्र

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भारतीय सेना अपने आयुध भंडार में तेजी से आधुनिक संसाधन सम्मिलित कर रही है। पिछले एक महीने में हारपरसोनिक कार और क्रूज मिसाइल के परीक्षणों के बाद एक नया समाचार हथगोलों की आपूर्ति को लेकर मिला है। रक्षा क्षेत्र में पहली निजी कंपनी अब भारतीय सेना को हथगोला आपूर्ति करेगी। वर्मतान हथगोले पुराने हैं जो इस नए भारत में आउडेटेड करार दे दिये गए हैं।
रक्षा मंत्रालय सजग है। चीन की चालबाजी और पाकिस्तान के नापाक षड्यंत्रों पर नकेल कसने के लिए सीमा पर भारतीय सेना के योद्धा डटे हुए हैं। लेकिन उनके हाथों में जो हथगोला है वो मल्टी मोड हथगोला है जो द्वितीय विश्व युद्ध के समय के हैं। इनकी जगह अब डीआरडीओ द्वारा विकसित अत्याधुनिक हथगोले लेगें। जो निजी क्षेत्र की कंपनी इकोनॉमिक एक्सप्लोजिव्स लिमिटेड (ईईएल) द्वारा बनाए जा रह हैं।
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार ईईएल भारतीय सेना को 10 लाख मल्टी मोड हैंड ग्रेनेड की सप्लाई करेगी। ये बहु-उद्देशीय हथगोले होंगे जिनकी आपूर्ति दो साल के भीतर करनी होगी। इस सौदे की कुल लागत 409 करोड़ रुपये है।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह अत्याधुनिक हथगोले सेना में पुराने जमाने के हथगोलों की जगह लेंगे। इसकी तकनीकी डीआरडीओ की टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी ने इन्हें डिजाइन किया है तथा देश में निर्मित ये बेहतरीन हथगोले साबित होंगे। उधर, सोलर ग्रुप के चेयरमैन और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सत्यनारायण नुवाल के मुताबिक यह बहु-उद्देशीय हैंड ग्रेनेड एक ऐसा रक्षा उत्पाद है जो उपयोग और परिवहन में आसान है। 2016 में उसने यह तकनीक डीआरडीओ से हासिल की थी। उसके बाद इनका निर्माण और परीक्षण कार्य किया गया जो सफल रहा है। भारतीय सेना की निगरानी में इसका समतल स्थल, पहाड़ी इलाकों, ऊंचाई वाले क्षेत्रों के साथ ही रेगिस्तान में भी सफल परीक्षण किया गया।

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