पाकिस्तान से लगी सीमा पर भारत का बड़ा अभियान, भारतीय तटरक्षक से बचना मुश्किल

पाकिस्तान सीमा पार से मादक पदार्थ और हथियारों की खेप लगातार भारत में भेज रहा है। पंजाब में ड्रोन कर के माध्यम से तस्करी करवाने से लेकर गुजरात की समुद्री सीमा में मछुआरों के भेष में तस्करों को भेज रहा है।

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लाइट मशीन गन और भारत में बनी अमोघ कार्बाइन से लैस भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के जवानों ने सोमवार को पाकिस्तान के साथ समुद्री सीमा पर मादक पदार्थ विरोधी अभ्यास किया। आईसीजी ने मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद की गतिविधियां रोकने के लिए ओखा क्षेत्र के पास 36 निर्जन द्वीपों की व्यापक तलाशी ली।

भारतीय तटरक्षक दल के प्रवक्ता के अनुसार गुजरात तट से दूर पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा (आईएमबीएल) पर ओखा और सर क्रीक क्षेत्र के पास व्यापक नशीले पदार्थ विरोधी अभ्यास किया जा रहा है। जारी किये गए वीडियो में आईसीजी के जवानों को एक वरिष्ठ अधिकारी से इनपुट लेते देखा जा सकता है। नशीले पदार्थों के व्यापक अभ्यास के दौरान दो एच-191 होवरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया गया।

मादक पदार्थ तस्करी का अड्डा
पाकिस्तान के साथ समुद्री सीमा साझा करने की वजह से गुजरात बहुत ही संवेदनशील राज्य है। राज्य की तटरेखा हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी ट्रांजिट हब के रूप में उभरी है। इसलिए, भारतीय तटरक्षक बल ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के पास अपनी गश्त गतिविधियां बढ़ा दी हैं।

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पाकिस्तान भेज रहा जानलेवा खेप
आईसीजी ने 26 दिसंबर को 10 चालक दल के सदस्यों के साथ एक पाकिस्तानी नाव गुजरात तट पर पकड़ी थी। दरअसल, आतंकवाद विरोधी दस्ते से ख़ुफ़िया इनपुट मिलने के बाद आईसीजी ने अपने तेज गश्ती जहाज ‘अरिंजय’ को तैनात किया। इस दौरान मछली पकड़ने वाली पाकिस्तानी नाव ‘अल सोहेली’ भारतीय जल क्षेत्र में दिखी। हालांकि तटरक्षक बल के गश्ती जहाज ने पाकिस्तान की उस नाव को ललकारा लेकिन चेतावनी शॉट फायर करने के बाद भी वह नहीं रुकी। इसके बाद तटरक्षक बल के जवान अंततः नाव को रोकने में कामयाब रहे। आईसीजी अधिकारियों ने नाव से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और नशीले पदार्थ जब्त किए। जब्त किये गए नशीले पदार्थ की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 300 करोड़ रुपये है। आगे की जांच के लिए चालक दल के सदस्यों और नाव को ओखा बंदरगाह लाया गया था।

डेढ़ वर्षों में बड़ी सफलता
आईसीजी और गुजरात एटीएस का यह पिछले 18 महीनों में सातवां संयुक्त अभियान था। पिछले 18 महीनों में तटरक्षक बल के जवानों ने 44 पाकिस्तानी, 7 ईरानी नागरिकों को गिरफ्तार करके करीब 1,930 करोड़ रुपये कीमत की 340 किलो से ज्यादा हेरोइन जब्त की है।

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