अग्निपथ योजना : जानें, अगले दशक तक भारतीय सेना में होंगे कितने ‘अग्निवीर’?

भारतीय वायुसेना और नौसेना में इस वर्ष 3,000 अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी, जिनकी संख्या आने वाले वर्षों में आनुपातिक रूप से बढ़ेगी।

96

‘अग्निपथ’ योजना के तहत सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती का असर यह होगा कि अगले एक दशक में सेना का आधा हिस्सा ‘अग्निवीर’ होंगे। अब अधिकारियों को छोड़कर सभी भर्तियां अग्निपथ योजना के तहत ही की जाएंगी। इस साल 40 हजार भर्तियों से शुरुआत की जाएगी। इसके बाद सातवें या आठवें साल तक 1.2 लाख और फिर दसवें या ग्यारहवें साल तक ‘अग्निवीरों’ की संख्या 1.6 लाख हो जाएगी।

भारतीय सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती के लिए सरकार की ओर से ‘अग्निपथ’ योजना लॉन्च होने के दूसरे दिन सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ से बातचीत की। उन्होंने कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना की शुरुआत इस साल 40 हजार ‘अग्निवीरों’ की भर्ती करके की जाएगी। इसके बाद हम इस योजना के तहत वार्षिक भर्ती को उत्तरोत्तर बढ़ाने जा रहे हैं। जमीनी अनुभव और परिचालन आवश्यकताओं के आधार पर जरूरत पड़ने पर इसमें बदलाव किया जाएगा।

ये भी पढ़ें – अयोध्या एयरपोर्ट का 25 प्रतिशत कार्य पूर्ण! जानिये, कब तक पूरा करने का है लक्ष्य

‘सैनिक बनाम युवाओं’ में बनेगा संतुलन
उन्होंने बताया कि अब सशस्त्र बलों में अधिकारियों को छोड़कर सभी भर्तियां ‘अग्निपथ’ योजना के तहत ही की जाएंगी। यह प्रक्रिया लगातार चलने से सातवें या आठवें साल तक 1.2 लाख और फिर दसवें या ग्यारहवें साल तक 1.6 लाख अग्निवीर प्रति वर्ष भर्ती किए जाएंगे। इस तरह 2030-2032 तक मौजूदा 12 लाख सैनिकों वाली भारतीय सेना का आधा हिस्सा ‘अग्निवीर’ होंगे जो भविष्य में युद्ध लड़ने के लिहाज से ‘सैनिक बनाम युवाओं’ में संतुलन बनाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार पहले से ही केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, रक्षा सुरक्षा कोर, सार्वजनिक उपक्रमों और अन्य एजेंसियों और विभागों में अग्निशामकों को शामिल करने की योजना पर काम कर रही है।

इस वर्ष 3,000 अग्निवीरों की भर्ती
सेना उप प्रमुख ने कहा कि भारतीय वायुसेना और नौसेना में इस वर्ष 3,000 अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी, जिनकी संख्या आने वाले वर्षों में आनुपातिक रूप से बढ़ेगी। प्रत्येक बैच से 25% ‘सर्वश्रेष्ठ’ अग्निवीरों का चयन करके उन्हें नियमित सैनिकों के रूप में 15 साल की सेवा के लिए रखा जाएगा। अन्य 75% को चार साल के बाद हटा दिया जाएगा। आने वाले समय में सेना में अग्निवीरों का अनुपात 50:50 होगा, यानी 50 फीसदी पूर्व अग्निवीर नियमित कैडर सैनिक के रूप में और 50 फीसदी चार साल के कार्यकाल वाले अग्निवीर होंगे।

युद्ध प्रशिक्षित युवाओं को मिलेगा रोजगार
लेफ्टिनेंट-जनरल राजू ने कहा कि मौजूदा समय में एक सैनिक की औसत आयु 32 वर्ष है, जो अगले छह से सात वर्षों में 24-26 तक होने की उम्मीद है। अग्निवीरों की भर्ती किये जाने से आने वाले समय में तकनीक की समझ रखने वाली युवा सेना बन जाएगी। उन्होंने उन आशंकाओं को सिरे से नकार दिया कि केवल चार वर्षों के लिए बड़ी संख्या में सैनिकों की भर्ती करने की योजना से सेना की व्यावसायिकता, रेजिमेंटल लोकाचार और लड़ाई की भावना प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि इस योजना से समाज का सैन्यीकरण होगा और हर साल 35 हजार से अधिक युद्ध प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार मिलेगा।

नौकरी के लिए पात्र उम्मीदवार
सेना के उप प्रमुख ने कहा कि भारतीय सेना सभी वर्गों या समुदाय के लड़ाकों के एक साथ रहने, एक साथ खाने और एक साथ लड़ने वाले सैनिकों का समूह है, इसलिए ‘नाम, नमक और निशान’ के मूल सिद्धांतों को कमजोर नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राइफल्स, गार्ड्स ब्रिगेड, पैरा-स्पेशल फोर्स बटालियन और ऐसी कई अन्य इकाइयां एक साथ अच्छी तरह से काम करने के व्यावहारिक उदाहरण हैं। लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने कहा कि 11.7 लाख रुपये के ‘सेवा निधि’ एक्जिट पैकेज के साथ अनुशासित और अच्छी तरह से कुशल अग्निवीर, कई सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की नौकरियों के लिए पात्र उम्मीदवार होंगे।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.