देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के अवसर पर हुई हिंसा की जांच दिल्ली पुलिस ने शुरू कर दी है। उसने दिल्ली के कई इलाकों में हिंसा का तांडव करनेवाले प्रदर्शनकारियों की तलाश युद्ध स्तर पर शुरू की है। रैली को हिंसक बनाने में शामिल लोगों में पहला नाम गैंगस्टर लक्खा सिंह सिधाना और दूसरा नाम दीप सिद्धू का आया है।
लक्खा सिंह सिधाना पर आरोप है कि उसने अपने साथियों के साथ दिल्ली के आईटीओ में बवाल किया। बता दें कि ट्रैक्टर रैली के दौरान सबसे अधिक तांडव दिल्ली के आईटीओ, डीडीयू मार्ग और लालकिले के आसपास के इलाके में ही हुआ। यहां पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव भी हुई थी। इसके साथ ही तेज रफ्तार से ट्रैक्टर चला रहे एक शख्स की मौत भी हो गई थी।
कौन है लक्खा सिंह सिधाना?
लक्खा सिंह सिधाना पर सिर्फ पंजाब में 26 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनमें हत्या, अपहरण, लूट, फिरौती जैसे मामले भी शामिल हैं। इसके साथ ही आर्म्स एक्ट के तहत केस भी चल रहा है। वह जेल भी जा चुका है लेकिन कई मामलों में सबूत नही मिलने या गवाह न होने के कारण वो जेल से बाहर आ गया था।
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छवि सुधारने की कोशिश
गैंगस्टर सिधाना किसान आंदोलन से अपनी छवि सुधारने में लगा है। वह खुद को सामाजिक कार्याकर्ता साबित करना चाहता है। पंजाब में अंग्रेजी साइन बोर्ड के विरोध में आंदोलन करने पर उसकी गिरफ्तारी भी हो चुकी है। इतना ही नहीं, पंजाब में मनप्रीत बादल द्वारा स्थापित पार्टी के टिकट पर सिधाना चुनाव मैदान में भी उतरा था।
कबड्डी का अच्छा खिलाड़ी
बताया जाता है कि वह कभी कबड्डी का अच्छा खिलाड़ी था और उसका असली नाम लखवीर सिंह सिधाना है लेकिन अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद उसने अपना असली नाम और शौक दोनों को छोड़ दिया।
लाल किले पर निशान साहिब का झंडा पहरानेवाला कौन?
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली में अचानक हिंसा की घटनाएं होने लगीं। इस बीच लाल किले पर पर तिरंगे के साथ ही सिखों के निशान साहिब का झंडा भी फहराया गया। इसमें दीप सिद्धू का नाम लिया जा रहा है। दीप पर किसानों को भड़काने का आरोप लगाया जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने भी दीप सिद्धू पर किसानों को भड़काने और मिसगाइड करने का आरोप लगाया है।
कौन है दीप सिद्धू?
दीप सिंद्धू का जन्म 1984 में पंजाब के मुक्तसर जिले में हुआ। उसने लॉ की पढ़ाई की है। वह किंगफिशर मॉडल हंट अवार्ड भी जीत चुका है। उसकी पहली फिल्म 2015 में पंजाबी में रमता जोगी रिलीज हुई। 1918 में फिल्म जोरा दास नुंबरिया से उसे काफी ख्याति मिली। इसमें उसने गैंगस्टर की भुमिका निभाई थी।
सांसद सनी देओल का करीबी
वर्ष 2019 में अभिनेता से नेता बने सनी देओल ने जब गुरुदासपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा तो उन्होंने चुनाव कैंपेन में दीप सिद्धू को भी रखा था। उन्हें सनी देओल का करीबी माना जाता है लेकिन सनी ने एक ट्विवट कर उससे किनारा कर लिया है।
आज लाल क़िले पर जो हुआ उसे देख कर मन बहुत दुखी हुआ है, मैं पहले भी, 6 December को ,Twitter के माध्यम से यह साफ कर चुका हूँ कि मेरा या मेरे परिवार का दीप सिद्धू के साथ कोई संबंध नही है।
जय हिन्द— Sunny Deol (@iamsunnydeol) January 26, 2021
ऐसे हुआ किसान आंदोलन में शमिल
कुछ कार्यकर्ताओं और कलाकारों ने दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को 25 सितंबर के दिन अपना समर्थन दिया था। दीप सिद्धू भी उन कलाकारों में शामिल था। उसके बाद वह स्थाई रुप से किसानों के साथ धरने पर बैठने लगा।