होटल-मॉल, सिनेमा घर ऑन देवालय पर कब मेहरबान ?

दिल्ली ,उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश सहित देश के ज्यादातर राज्यों में धर्म स्थलों को कुछ शर्तों के साथ भक्तों के लिए खोल दिया गया है । लेकिन महाराष्ट्र सरकार उन्हें खोलने से डर रही है। इसलिए इस बारे में वह मौन धारण किए हुए है।

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मुम्बई। महाराष्ट्र सरकार अनलॉक 5.0 में चरण बद्ध तरीके से मुम्बई को अनलॉक कर रही है। इसी कड़ी में महानगर में होटल, मॉल और सिनेमा घरों को कुछ शर्तों के साथ शुरु करने की अनुमति दे दी गई है लेकिन वह धार्मिक स्थलों पर कब मेहरबान होगी ,इस पर अब लोगों की निगाहें लगी हुई हैं । फिलहाल दिल्ली ,उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश सहित देश के ज्यादातर राज्यों में धर्म स्थलों को कुछ शर्तों के साथ भक्तों के लिए खोल दिया गया है । लेकिन महाराष्ट्र सरकार उन्हें खोलने से डर रही है। इसलिए इस बारे में वह मौन धारण किए हुए है।
मुंबई में शादी और पार्टियों में शामिल हो सकते हैं 200 लोग
शादी और पार्टियों में शामिल होनेवाले लोगों की संख्या सोशल डिस्टेंसिंग के साथ 200 तक बढ़ा दी गई है। सिनेमा हॉल में क्षमता के 50% लोग एक साथ फिल्म देख सकते हैं, और रेस्टोरेंट में सीटों की क्षमता के 30 फीसदी लोग एक साथ बैठकर खाना खा सकते हैं, जबकि ज्यादातर धर्म स्थलों में इतनी बड़ी संख्या में लोग एक साथ नहीं बैठते। भक्तगण वहां दर्शन और प्रार्थना करने के बाद अपने परिवार के साथ परिसर से बाहर निकल जाते हैं। इस हालत में धार्मिक स्थलों पर या कम से कम मंदिर परिसर में भीड़ से बचा जा सकता है।
मंदिर प्रबंधन को सरकार की हरी झंडी का इंतजार
विडंबना यह है कि सरकार ने अभी तक सबसे प्रसिद्ध मन्दिर मुम्बादेबी प्रबंधन से मंदिर खोलने के बारे में कोई बात नहीं की है। मुम्बादेबी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष हनुमंत जाधव ने बताया कि अभी तक मंदिर खोलने को लेकर सरकार की तरफ से कोई दिशा-निर्देश नहीं मिला है। जाधव का कहना है कि अगर सरकार मंदिर खोलने की अनुमति दे दे तो प्रबंधन 24 घंटे में सुरक्षा के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए मंदिर खोल सकता है।
देवालय पर उदासीन सरकार
मुंबई में मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों को भक्तों के लिए कब और कैसे खोला जाये, इस पर अभी तक प्रशासन ने कोई रोड मैप तैयार नहीं किया है। महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे से जब यह पूछा गया कि मुम्बई शहर में होटल,मॉल और सिनेमा घर तो खोल दिये गए,मंदिर कब तक खुलेंगे तो उन्होंने कहा कि मंदिर और अन्य धर्मस्थल भी जल्द ही खुलेंगे । अब यहां लाख टके का सवाल है कि सरकार ने मन्दिर खोलने के बारे में जब प्रबंधन से अभी तक कोई बात ही नहीं की है कि और मंदिर प्रबंधन के पदाधिकारियों  को इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं है तो वे मंदिर खोलने की तैयारी कब और कैसे करेंगे?

 

 

 

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