पंजाब के निकाय चुनावों में करारी हार के बाद भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए ज्यादा जोर लगाना शुरू कर दिया है। 18 फरवरी को पश्चिम बंगाल पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 19 फरवरी से साइकिल यात्रा शुरू करने का ऐलान किया।
गृह मंत्री ने इस साइकिल यात्रा की शुरुआत करते हुए कहा कि अमर शहीदों के नाम पर साइकिल यात्रा शुरू हो रही है, जो पूरे बंगाल के गांवों में जाकर स्वतंत्रता सेनानियों के संदेश का प्रसार करेगी। यह यात्रा युवाओं को प्रेरित करेगी क्योंकि देश का भविष्य वही युवा पीढ़ी बना सकती है, जो देश के इतिहास को समझे व शहीदों के बलिदान को दिल में रखती हो।
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महान स्वतंत्रता सेनानियों को किया याद
शाह ने महान स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए कहा कि जिन शहीदों ने देश के लिए अपना बलिदान कर दिया, उनका स्मरण करके अगर हम अपना बाकी का जीवन देश के लिए जीएं, तो उन वीरों के प्रति इससे बड़ी श्रद्धांजलि और कुछ नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि जिस उद्देश्य के लिए उन्होंने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, उस उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए हमें अपना जीवन भी लगााना जरुरी है।
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शाह ने वीर सावरकर की त्याग को किया याद
गृहमंत्री ने अपने पश्चिम बंगाल के दौरे के दूसरे दिन कहा कि लोगों की संपत्ति कई बार कुर्की हुई। वीर सावरकर को एक ही जीवन मे दो बार उम्रकैद हुई, लेकिन उन्होंने आजादी के लिए लड़ना नहीं छोड़ा। इन लोगों ने सिर्फ आजादी नहीं, बल्कि भारत पुनः विश्व गुरु बने, इसलिए बलिदान दिया। जब तक हम इसकी सिद्धि न कर लें, चैन से नहीं बैठेंगे।
लोगों की संपत्ति की कई बार कुर्की हुई, वीर सावरकर को एक ही जीवन में दो बार उम्रकैद हुई लेकिन फिर भी उन्होंने आजादी के लिए लड़ाई लड़ना नहीं छोड़ा।
इन लोगों ने सिर्फ आजादी नहीं बल्कि भारत पुनः विश्वगुरु बने इसलिए बलिदान दिया व जब तक हम इसकी सिद्धि न कर लें हम चैन से नहीं बैठ सकते। pic.twitter.com/lGZifkNxv8
— Amit Shah (@AmitShah) February 19, 2021
नेताजी की देशभक्ति की प्रशंसा की
नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद करते हुए शाह ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस एक उत्कृष्ट प्रशासक थे। वे कोलकाता के मेयर बने व दो बार कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बने। ये सुभाष बाबू की लोकप्रियता का परिचायक ही है कि एक बार तो वें गांधी जी की इच्छा के विरुद्ध चुनाव लड़कर उनके प्रत्याशी को हराकर कांग्रेस के अध्यक्ष बने। देश की जनता सुभाष बाबू को इतने सालों बाद आज भी बहुत प्यार व सम्मान से याद करती है। बहुत प्रयास किए गए कि नेताजी को भुला दिया जाए लेकिन कोई कितना भी प्रयास करे, सुभाष बाबू की देशभक्ति, उनके कार्य और सर्वोच्च बलिदान पीढ़ियों तक भारतवासियों के मन में अमर रहेंगे।