पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने तृणमूल कांग्रेस पार्टी प्रमुख और प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने 13 मई को कूच बिहार समेत कई हिंसा ग्रस्त इलाकों का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी। उसके बाद 14 मई को राज्यपाल ने असम के रनपगली में एक शिविर का दौरा किया। बताया जा रहा है कि बंगाल के कई डरे हुए परिवारों ने यहां शरण ली हुई है।
इन परिवारों का आरोप है कि विधानसभा चुनावों के बाद सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता उन्हें परेशान कर रहे हैं। उन्हें डर है कि वे उनको निशाना बना सकते हैं। इसलिए उन्होंने इस शिविर में शरण ले रखी है। यहां महिलाओं के साथ ही बच्चे भी शरण लिए हुए हैं।
अपने सीने पर खाऊंगा गोलीः राज्यपाल
इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के लोग पुलिस थाने जाने से डर रहे हैं। सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं से पुलिस भी डरी हुई है। मैंने उन्हें वापस आने के लिए प्रोत्साहित किया है। मैं अपने सीने पर गोली खाऊंगा। मैं इस बारे में मुख्यमंत्री से बात करूंगा। उन्हें जनादेश मिला है। सीएम को टकराव छोड़ देना चाहिए।
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सीतलकूची की घटना की घटना पर जताई चिंता
राज्यपाल ने सीतलकूची की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसे नरसंहार और कोल्ड ब्लड मर्डर करार दिया। उन्होंने कहा, ‘शपथ लेने के बाद सीएम ने एसआईटी गठित की और एसपी को सस्पेंड किया। मैं सीएम से पूछना चाहता हूं कि जब पूरा राज्य जल रहा था, तब आपको क्यों दिखाई नहीं दिया?’
भाजपा सांसद भी थे साथ
इस दौरे में राज्यपाल के साथ ही उत्तर बंगाल के कूच बिहार से भाजपा सांसद नीतीश प्रमाणिक भी मौजूद थे। इन्होंने असम के धुबरी जिले में शिविर का दौरा किया और लोगों से बात की।