नंदीग्राम पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिला का एक ग्रामीण क्षेत्र है। यह कोलकाता से दक्षिण-पश्चिम दिशा में 70 किलोमीटर दूर औद्योगिक शहर हल्दिया के सामने और हल्दी नदी के दक्षिण किनारे पर स्थित है। पश्चिम बंगाल में कराए जा रहे विधानसभा चुनाव में यह सर्वाधिक चर्चित सीट है। इसका कारण यह है कि यहां राजनीति के दो धुरंधरों में आमने-सामने की टक्कर है।
इस सीट से पूर्व विधायक सुवेंदु अधिकारी जहां इस बार टीएमसी के बदले भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनावी अखाड़े में उतरे हैं, वहीं उन्हें प्रदेश की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी टक्कर दे रही हैं। इस हालत में यह समझना मुश्किल नहीं है कि इस सीट पर चुनावी महासंग्राम का कितना महत्व है।
भाजपा के सभी दिग्गज नेताओं ने किया चुनाव प्रचार
इस निर्वाचन क्षेत्र का महत्व इसी बात से भी समझा जा सकता है कि यहां अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य कहे जानेवाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जैसे भाजपा नेता कई बार सभा, रैली और रोड शो कर चुके हैं। 30 मार्च को भी शाह ने यहां रोड शो कर लोगों से अपनी पार्टी के उम्मीदवार सुवेंदु अधिकारी को वोट देने की अपील की।
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दांव पर सीएम का सम्मान
सीएम ममता बनर्जी का सम्मान भी यहां दांव पर लगा हुआ है। उनकी चुनौती कभी उनकी ही पार्टी में रहे सुवेंदु अधिकारी से है। इस हालत में वे किसी भी कीमत पर अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहती हैं। बता दें कि नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान ही उनके पैर में चोट लगी थी, जिसे उन्होंने विपक्ष का हमला बताया था। हालांकि विपक्ष ने कहा था कि ममता बनर्जी मात्र लोगों की सहानुभूति बटोरने के लिए यह ड्रामा कर रही हैं।
#WATCH | They (BJP) have another plan to kill a woman from their own party with goons they have brought from Bihar & UP and put the blame on Bengal. This is their plan: West Bengal CM Mamata Banerjee pic.twitter.com/KujcL52Xho
— ANI (@ANI) March 30, 2021
ममता ने साधा सुवेंदु अधिकारी पर निशाना
वैसे तो ममता बनर्जी सुवेंदु अधिकारी पर कई तरह के आरोप लगाते रही हैं, लेकिन हाल ही में उन्होंने अधिकारी पर निशाना साधा है और कहा है कि इस चुनाव के बाद अधिकारी परिवार न घर का रहेगा और न घाट का। बता दें कि सुवेंदु अधिकारी का पूरा परिवार भाजपा में शामिल हो चुका है। उनके भाई सोमेंदु अधिकारी के बाद हाल ही में उनके पिता सिसिर अधिकारी भी भाजपा में आधिकारिक रुप से शामिल हो गए हैं।
Thank you Nandigram!#BanglayEbarAsolPoriborton pic.twitter.com/SIhpqHRW5D
— Amit Shah (@AmitShah) March 30, 2021
हो सकते हैं सीएम के दावेदार
इस हालत में सुवेंदु अधिकारी भी किसी भी स्थिति में यहां से अपनी जीत पक्की करना चाहते हैं। उन्हें पता है कि ममता बनर्जी को हराने के बाद उनका कद भाजपा ही नहीं, पश्चिम बंगाल की राजनीति में बढ़ जाएगा और वे मुख्यमंत्री के दावेदार भी हो सकते हैं।
West Bengal: Union Minister and BJP leader Dharmendra Pradhan and Mithun Chakraborty campaign for party's Suvendu Adhikari in Nandigram pic.twitter.com/lNpjpbf9VE
— ANI (@ANI) March 30, 2021
ममता के करीबी थे सुवेंदु अधिकारी
वैसे नंदीग्राम में इस बार लोगों को चुनना है ममता या सुवेंदू? सुवेंदु अधिकारी यहां से टीएमसी के विधायक थे और सरकार के मंत्री थे लेकिन वे दिसंबर 2019 में भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गए।। इस क्षेत्र में पूर्व टीएमसी नेता और वर्तमान भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी का बड़ा प्रभाव है। इस सीट से 2016 के चुनाव में अधिकारी ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद वे ममता बनर्जी के करीबियों में गिने जाते थे।
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नंदीग्राम का इतिहास
नंदीग्राम की विशेषता ये है कि यहां से 2007 में ममता बनर्जी ने नंदीग्राम आंदोलन शुरू किया था। यह आंदोलन एक इंडोनेशियाई रसायन कंपनी के लिए किये जानेवाले भूमि अधिग्रहण के विरोध में था। इसमें ‘भूमि उच्छेद प्रतिरोध कमेटी’ का गठन करके आंदोलन किया गया था, जिसमें ममता बनर्जी के नेतृत्व में सुवेंदु अधिकारी ने बड़ी भूमिका निभाई थी। इस आंदोलन में पुलिस और मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के कैडरों के बीच रक्त रंजित संघर्ष हुआ। आंदोलन को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने गोली चलाई, जिसमें कई प्रदर्शनकारी घायल हुए। इसने आंदोलन को उग्र कर दिया। नंदीग्राम और हुगली जिले के सिंगूर में हुए आंदोलन के आगे वाम मोर्चा सरकार झुक गई और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का उदय हुआ। उसने वाम मोर्चा की 34 वर्षों की सत्ता को उखाड़कर फेंका।
प्रभावशाली परिवार से आते हैं सुवेंदु अधिकारी
सुवेंदु अधिकारी पूर्वी मिदनापुर जिले के प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से हैं। उनके पिता शिशिर अधिकारी 1982 में कांग्रेस की ओर से कांथी दक्षिण लोकसभा सीट से सांसद थे। मनमोहन सिंह की सरकार में वे ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रहे हैं। वे वर्तमान में तुमलुक लोकसभा सीट से सांसद हैं। सौमेंदु कांथी नगरपालिका के अध्यक्ष थे लेकिन उन्हें टीएमसी ने हटा दिया तो उन्होंने भी भाजपा का दामन थाम लिया है। इसके अलावा सुवेंदु के भाई दिव्येंदु कांथी लोकसभा सीट से सांसद हैं। माना जाता है कि अधिकारी परिवार का प्रभाव पूर्वी मिदनापुर में पड़नेवाली सभी 16 विधानसभा और पश्चिमी मिदनापुर, बांकुरा और पुरुलिया के लगभग 5 दर्जन विधानसभा सीटों पर है।