लखीमपुर हिंसाः 12 घंटे, 40 सवाल… आखिर आशीष मिश्रा गिरफ्तार

9 अक्टूबर की रात 10 बजकर 40 मिनट पर वे अपने आप अचानक क्राइम ब्रांच के ऑफिस के बाहर उपस्थित हो गए। आशीष मिश्रा उर्फ मोनू केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र हैं।

103

लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें 12 घंटे के मैराथन पूछताछ के बाद 9 अक्टूबर की रात गिरफ्तार कर लिया गया। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा गठित विशेष पर्यवेक्षण समिति के डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि विशेष पुलिस के क्राइम ब्रांच कार्यालय के बाहर से उनकी गिरफ्तारी की गई है।

मिली जानकारी के अनुसार 9 अक्टूबर की रात 10 बजकर 40 मिनट पर वे अपने आप अचानक क्राइम ब्रांच के कार्यालय के बाहर उपस्थित हो गए। आशीष मिश्रा उर्फ मोनू केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र हैं।

ऐसे हुई गिफ्तारी
आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी से पहले घटनाक्रम काफी नाटकीय रहा। उनके साथ लखीमपुर सदर के विधायक योगेश वर्मा,अजय मिश्रा टेनी के प्रतिनिधि अरविंद सिंह और जीतेंद्र सिंह पुलिस लाइन कार्यालय पहुंचे। अरविंद सिंह आगे थे और उनके पीछे आशीष चल रहे थे। क्राइम ब्रांच के कार्यालय के बाहर मीडिया के लोग पहले से ही खड़े थे। वे आशीष की प्रतिक्रिया लेने के लिए तेजी से उनकी ओर लपके। लेकिन वहां उपस्थित पुलिस ने आशीष मिश्रा को बोलने का कोई मौका नहीं दिया और उनको लेकर क्राइम ब्रांच के ऑफिस की ओर चले गए। इस बीच वहां मौजूद लोगों के बीच धक्कामुक्की भी हुई। बाद में एक बैग देकर अरविंद सिंह बाहर चले गए। डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल कार्यालय में पहले से ही उपस्थित थे।

ये भी पढ़ेंः लखीमपुर खीरी प्रकरण: एसआईटी के इन प्रश्नों का उत्तर खोलेगा राज!

12 घंटे में 40 सवाल
मिली जानकारी के अनुसार पूछताछ के दौरान आशीष मिश्रा यह साबित करने की कोशिश करते रहे कि लखीमपुर खीरी कांड के दिन वे घटनास्थल पर उपस्थित नहीं थे। जांच टीम ने उनसे उनकी थार कार के बारे में कई सवाल किए। इसके जवाब में आशीष ने कहा कि वे अपनी कार में मौजूद नहीं थे। उन्होंने कुछ लोगों के नाम बताए हैं, जो उनकी कार के साथ गांव से निकले थे। उन्होंने कुछ वीडियो भी दिखाए, जिनमें उन्होंने साबित करने का प्रयास किया कि वे हिंसा के दिन अपनी कार मे घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे। अधिकारियों ने उनसे 12 घंटे में 40 सवाल पूछे।

क्या है लखीमपुर खीरी हिंसा?
बता दें कि 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को काले झंडे दिखाने की कोशिश कर रहे कुछ किसान भाजपा कार्यकर्ताओं की गाड़ी की चपेट में आ गए थे। इस घटना में जहां चार किसानो की मौत हो गई थी, वहीं दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर के साथ ही एक पत्रकार को भी किसानों से पीट-पीटकर मार डाला था।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.