कृषि कानूनों को वापस लेने की जिद को लेकर पिछले सात महीनों से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों के कारण स्थानीय लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसे लेकर हरियाणा के सेरसा गांव में महापंचायत का आयोजन किया गया। इस महापंचायत में हरियाणा और दिल्ली के करीब तीन दर्जन से अधिक गांवों के लोग शामिल हुए। महापंचायत में शामिल सभी लोगों ने जीटी रोड के एक तरफ की सड़क और गांवों के लिंक रोड को खाली करने की मांग की। इसके लिए उन्होंने सरकार और प्रशासन के साथ ही आंदोलनकारी किसानों को एक सप्ताह का समय दिया है।
महापंचायत में पिछले सात महीनों से झेल रही परेशानियों को लेकर आंदोलनकारी किसानों पर निशाना साधा गया और घोषणा की गई कि अगर एक हफ्ते में किसानों ने जीटी रोड की एक तरफ की सड़क को खाली नहीं किया, तो हम उन्हें सड़क पर उतरकर जवाब देंगे।
सात महीनों से जारी है आंदोलन
बता दें कि पिछले सात महीनों से भी अधिक समय से केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों के आंदोलन के कारण हो रही परेशानियों को लेकर इस महापंचायत का आयोजन किया गया था। इस आंदोलन के कारण उन्हें अनेक तरह की परेशानियों के साथ ही उन पर हमले और महिलाओं से छेड़छाड़ की घटनाएं भी बढ़ गई हैं। साथ ही क्षेत्र में रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच के अध्यक्ष हेमंत नांदल की अध्यक्षता में आयोजित महापंचायत में तीन मद्दों को उठाया गया था, जीटी रोड खुला करना, हिंसा पर रोक लगाना एवं महिलाओं से छेड़छाड़ रोकना शामिल है।
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एक हफ्ते का दी गई मोहलत
हेमंत नांदल ने कहा कि महापंचायत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सरकार, प्रशासन और आंदोलनकारियों को भी एक तरफ का रास्ता खोलने के लिए एक हफ्ते का समय दिया जाए। यदि एक हफ्ता में प्रशासन और प्रदेश सरकार द्वारा एक तरफ का रास्ता नहीं खाली कराया गया तो हम उग्र आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे। सदस्य रामफल सरोहा ने चेतावनी दी कि धरना-प्रदर्शन के साथ-साथ पंजाब की ओर जाने वाले सभी रास्तों को जाम किया जा सकता है। मंच संचालन कर रह सेरसा के मोनू प्रधान ने कहा कि अगले हफ्ते कमेटी बनाकर जनप्रतिनिधियों और खाप प्रधानों से मिलकर इस मुद्दे पर समर्थन मांगा जाएगा।
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बनाई जाएगी कमेटी
महापंचायत में यह भी निर्णय लिया गया कि ग्रामीणों के साथ हो रही हिंसक घटनाओं को लेकर एक कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी ग्रामीणों से किसी भी तरह की हिंसा के आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का काम करेगी।