इस बात के लिए तालिबान पाकिस्तान से नाराज! इमरान सरकार को दी कड़ी नसीहत

अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि एक संगठन के रूप में टीटीपी अब तालिबान का हिस्सा नहीं है। उसके और हमारे उद्देश्य भी एक नहीं है।

71

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और पाकिस्तान के बीच सीजफायर टूटने से अफगान तालिबान की नाराजगी बढ़ गई है। हालांकि तालिबान ने बयान जारी कर टीटीपी के साथ किसी भी तरह के संबंधों से इनकार किया है। तालिबान ने साफ किया है कि टीटीपी और उसके हथियारबंद आंदोलन का मकसद एक नहीं है। तालिबान ने संघर्ष विराम को बनाए रखने में फेल होने पर इमरान खान सरकार को भी कड़ी नसीहत दी है।

टीटीपी अब तालिबान का हिस्सा नहीं
अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि एक संगठन के रूप में टीटीपी अब तालिबान का हिस्सा नहीं है। उसके और हमारे उद्देश्य भी एक नहीं है। यह बहुत जरूरी है कि टीटीपी इस क्षेत्र और पाकिस्तान में दुश्मनों के घुसपैठ की आशंका को खत्म करे। जबीउल्लाह मुजाहिद ने पाकिस्तान सरकार को भी नसीहत देते हुए कहा कि हम अपील करते हैं कि वह इस क्षेत्र और पाकिस्तान की बेहतरी के लिए टीटीपी की मांगों पर गौर करें। उन्होंने यहां तक दावा किया कि तालिबान किसी दूसरे मुल्क के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता, लेकिन वह शायद यह भूल गए कि पाकिस्तान और टीटीपी के बीच सीजफायर का समझौता उनके ही नंबर दो नेता अफगानी आतंरिक मंत्री और अमेरिकी मोस्ट वॉन्टेड सिराजुद्दीन हक्कानी ने करवाया था।

पाकिस्तान सरकार पर आरोप
टीटीपी ने बयान जारी कर समझौते को पूरा करने में पाकिस्तान सरकार के फेल होने का आरोप लगाया। इस समझौते को 25 अक्टूबर 2021 को इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान (तालिबान सरकार) के जरिए पाकिस्तान सरकार के पास भेजा गया था। समझौते के अनुसार, दोनों पक्षों ने स्वीकार किया था कि तालिबान एक मध्यस्थ की भूमिका निभाएगा और दोनों पक्ष पांच सदस्यीय समितियां बनाएंगे, जो मध्यस्थ की देखरेख में दोनों पक्षों की मांग पर चर्चा करेंगे।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.