सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द किया महाराष्ट्र के भाजपा के 12 विधायकों का निलंबन! जानिये, कब क्या हुआ

सर्वोच्च न्यायालय ने भाजपा के निलंबित 12 विधायकों का निलंबन रद्द कर दिया है। इसे लेकर महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है।

124

सर्वोच्च न्यायाल ने महाराष्ट्र विधानसभा द्वारा 12 भाजपा विधायकों के एक साल के निलंबन को रद्द कर दिया है। न्यायालय ने कहा विधायकों का निलंबन केवल मानसून सत्र 2021 तक सीमित रहना चाहिए था। एक सत्र से ज्यादा के लिए विधायकों के निलंबन का विधानसभा का प्रस्ताव असंवैधानिक और मनमाना था।

इस तरह चला मामला

  • 19 जनवरी को जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस फैसला सुरक्षित रख लिया था।
  • 11 जनवरी को सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र विधानसभा की ओर से एक साल के लिए निलंबित 12 भाजपा विधायकों को निलंबित किए जाने को निष्कासन से भी बदतर करार दिया था। न्यायालय ने कहा था कि एक साल के दौरान निर्वाचन क्षेत्र का कोई प्रतिनिधित्व नहीं हुआ।
  • सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा था कि नियमों के अनुसार विधानसभा के पास किसी सदस्य को 60 दिनों से अधिक समय तक निलंबित करने का कोई अधिकार नहीं है।
  • न्यायालय ने संविधान की धारा 190(4) का हवाला देते हुए कहा था कि अगर कोई सदस्य सदन की अनुमति के बिना 60 दिनों की अवधि तक अनुपस्थित रहता है तो वह सीट खाली मानी जाएगी। ऐसे में यह फैसला निष्कासन से भी बदतर है।
  • कोई भी इन निर्वाचन क्षेत्रों का सदन में प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है, जब वे वहां नहीं हैं। यह सदस्य को दंडित नहीं कर रहा है बल्कि पूरे निर्वाचन क्षेत्र को दंडित कर रहा है।
  • 14 दिसंबर 2021 को न्यायालय ने निलंबित 12 भाजपा विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया था।
  • निलंबित विधायकों ने अपनी याचिका में स्पीकर की ओर से दुर्व्यवहार के मामले में की गई कार्रवाई को जरूरत से ज्यादा कठोर बताया था।
  • याचिका में कहा गया था कि लोकतंत्र में पक्ष-विपक्ष में बहस होती रहती है। महाराष्ट्र में विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। याचिका में कहा गया था कि स्पीकर को 12 विधायकों को अपना स्पष्टीकरण देने का अवसर देना चाहिए था। सत्तारूढ़ दल के कुछ विधायक भी स्पीकर के कक्ष में मौजूद थे।
  • याचिका में कहा गया था कि एक साल के लिए सदन से निलंबित करने का फैसला जरूरत से ज्यादा कठोर है। ऐसा केवल विपक्ष की ताकत को कम करने के लिए की गई है।
  • पिछले 6 जुलाई को महाराष्ट्र विधानसभा के अंदर और बाहर स्पीकर के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में भाजपा के 12 विधायकों को विधानसभा से एक साल के लिए निलंबित किया गया था।
Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.