Srinagar: दशहरा पर 33 साल बाद फिर शुरू हुई यह परंपरा, आतंक ने बांध रखे थे पांव

श्रीनगर के प्रमुख मंदिर से शुरू हुई शोभा यात्रा शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए श्रीनगर के क्रिकेट स्टेडियम में पहुंची। । शोभायात्रा की शोभा धार्मिक झंडियां, मूर्तियां और सांस्कृतिक प्रदर्शनियां बढ़ा रही थीं । श्रीनगर में 33 साल बाद निकली शोभायात्रा की खुशी यहां के निवासियों के चेहरे पर साफ दिख रही थी।

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दशहरा (Dussehra) के दिन पर 33 साल बाद श्रीनगर (Srinagar) में भव्य शोभायात्रा (Procession) निकाली गई, जिसमें सभी श्रद्धालु पूरी निर्भीकता के साथ बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार मनाते देखे गये। यह चमत्कार निश्चित रूप से जम्मू-कश्मीर से धारा 370 (section 370) हटने के परिणामों को बयां कर रहा है।

आतंकवादी घटनाओं ने रोक दी थी शोभायात्रा
श्रीनगर के प्रमुख मंदिर से शुरू हुई शोभा यात्रा शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए श्रीनगर के क्रिकेट स्टेडियम में पहुंची। । शोभायात्रा की शोभा धार्मिक झंडियां, मूर्तियां और सांस्कृतिक प्रदर्शनियां बढ़ा रही थीं । श्रीनगर में 33 साल बाद निकली शोभायात्रा की खुशी यहां के निवासियों के चेहरे पर साफ दिख रही थी। क्योंकि जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में बढ़ें आतंकवाद ने दशहरा की इस रैली को बंद करा दिया था।

बढ़ेगा सामाजिक सौहार्द
श्रीनगर के सनातन धर्म प्रेमी दशहरा की शोभायात्रा की पुनः शुरुआत को एक गर्व के क्षण के रूप में देख रहे हैं। सभी लोगों में काफी उत्साह है। साथ ही यहां के रहिवासी धार्मिक-सांस्कृतिक परंपराओं की शुरुआत को सभा सम्प्रदायों के बीच सामाजिक सौहार्द में बढ़ोतरी के माध्यम के रूप में भी देख रहे हैं। श्रीनगर के क्रिकेट स्टेडियम में रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के विशालकाय पुतले बनाए गए थे। शोभा यात्रा के पहुंचते ही भीड़ ने जोर से जयकारे लगाने शुरू कर दिए। तीनों के पुतले जलाए गये। इस कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के सलाहकार भी शामिल हुए। उन्होंने इस पहल की दुबारा शुरुआत के लिए प्रशासन और स्थानीय लोगों को बधाई दी।

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