उद्धव ठाकरे के नेतृत्ववाली शिवसेना में संभालकर पग आगे बढ़ाए जा रहे हैं। नए निर्णय में यवतमाल वाशिम लोकसभा सीट से सांसद भावना गवली पर कार्रवाई हुई है। उन्हें लोकसभा में प्रतोद पद से हटा दिया गया है।
भावना गवली को प्रतोद पद से हटाने को लेकर एक पत्र लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेजा गया है। यह पत्र राज्यसभा सांसद संजय राऊत ने भेजा है। यह भावना गवली के लिए झटके से कम नहीं है। वह लंबे काल से प्रवर्तन निदेशालय की जांच का सामना कर रही हैं।
ये हो सकता है कारण
शिवसेना के अंसतुष्ट विधायकों द्वारा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में अलग होने के बाद भावना गवली ने भी एक पत्र शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे को लिखा था। जिसमें गवली ने भारतीय जनता पार्टी के साथ युति करके सरकार स्थापन की परोक्ष रूप से विनंती की थी। सूत्रों के अनुसार विधान सभा में बुरे दिन झेल रही पार्टी को लोकसभा में बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है। हालांकि, इस विषय में उद्धव ठाकरे की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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दुर्घटना से सावधानी भली
उद्धव ठाकरे के नेतृत्ववाली शिवसेना द्वारा सांसद भावना गवली को प्रतोद पद से हटाने का कदम बचाव के रूप में देखा जा रहा है। विधान सभा में हुई दुर्घटना लोकसभा में न घटे इसलिए पहले बरती गई सावधानी ही भली, लगता है इसीलिये सांसद भावना गवली की प्रतोद पद से मुक्ति हो गई है।
गुलाब भाऊ के दावे ने हिलाया?
जलगांव ग्रामीण से विधायक गुलाबराव पाटील ने दावा किया है कि, उनके गुट के संपर्क में 12 सांसद हैं और 20 पूर्व विधायक हैं। लोकसभा में शिवसेना के कुल 18 सांसद हैं। ऐसे में यदि 12 सांसद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट में जाते हैं तो, वहां से भी उद्धव ठाकरे के नेतृत्ववाली शिवसेना को बड़ी क्षति झेलनी पड़ेगी।