अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास के बाद उसके निर्माण की दिशा में प्रयत्न शुरू है। इसके लिए विश्व हिंदू परिषद ने देश भर के लोगों से घर-घर जाकर चंदा जमा करने का निर्णय लिया है। इस मुद्दे पर महाराष्ट्र की राजनीति में घमासान मच गया है। शिवसेना ने जहां वीएचपी के इस निर्णय का विरोध किया है, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने चंदा जमा करने का विरोध करने के लिए शिवसेना पर निशाना साधा है।
शिवसेना सांसद संजय राऊत ने वीएचपी के घर-घर जाकर चंदा मांगने के निर्णय की आलोचना की है। उन्होंने इसे राम मंदिर के नाम पर राजनीति का प्रचार-प्रसार बताया है। उनके इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक आशीष शेलार ने पलटवार करते हुए कहा है कि शिवसेना को राम भक्तों के पैसे से क्लेश हो रहा है।
शिवसेना के पेट में दर्दः बीजेपी
आशीष शेलार ने इस मुद्दे पर तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि संजय राउत इस तरह के बयान देकर शिवसेना की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि 2024 में शिवसेना की हार निश्चित है। शेलार ने कहा कि राम मंदिर सिर्फ भारतीय जनता पार्टी का मुद्दा नहीं है, यह राष्ट्रीय मुद्दा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, अशोक सिंघल इन सबके नाम राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े हैं। जब से अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास हुआ है, तब से ही शिवसेना के पेट में दर्द होने लगा है। आम आदमी की जेब से जमा किए हुए पैसे से राम मंदिर का निर्माण शिवसेना को बर्दाश्त नहीं हो रहा है, जबकि उसे वर्षों से ठेकेदारों के पैसों पर अपनी पार्टी चलाने की आदत है।
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संजय राउत ने क्या कहा?
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि राम मंदिर के नाम पर राजनीति बंद होनी चाहिए। इसके लिए अनेक लोगों ने अपनी जान गंवाई है। अब मंदिर की आधारशिला रख दी गई है। खुद शिवसेना कार्याध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी अयोध्या गए थे। इस तरह लोगों से पैसे मांगन ेकी जरुरत नहीं है। चार लाख स्वयंसेवक लोगों के घर जाकर चंदा मांग रहे हैं। राम के नाम पर जो बैंक खाते खोले गए हैं, उनमें भरपूर पैसे जमा है। घर-घर जाकर स्वयं सेवक राजनीति का प्रचार कर रहे हैं। यह मंदिर निर्माण के लिए किए गए आंदोलन का अपमान है