बॉलीवुड अभिनेत्री और शिवसेना नेता उर्मिला मातोंडकर के नये कार्यालय खरीदने का चर्चा अभी गरम ही है कि एक और मामले को लेकर वह विवादों में आई गई हैं। चुनाव लड़ने के लिए उन्हें कांग्रेस द्वारा दिए गए पैसे को मुख्यमंत्री सहायता निधि में ट्रांसफर किए जाने का मामला सामने आया है।
बता दें कि 2019 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उर्मिला मातोंडकर को भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार गोपाल शेट्टी के सामने मैदान में उतारा था। कांग्रेस ने चुनाव लड़ने के लिए 50 लाख का फंड उपलब्ध कराया था। बैंक स्टेटमेंट के अनुसार इसमें से 30 लाख रुपए चुनाव प्रचार में खर्च किए गए। बाकी बचे 20 लाख रुपए उर्मिला ने जुलाई 2020 में मुख्यमंत्री सहायता निधि में ट्रांसफर कर दिए।
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2019 में कांग्रेस ने दिए थे 50 लाख रुपए
चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार उम्मीदवारों का सरकारी बैंक एकाउंट में खाता खोलना अनिवार्य है। इस वजह उन्होंने कांदिवली के बैंक में संयुक्त खाता खोला। इसमें कांग्रेस के महासचिव अशोक सुतराले का भी नाम था। कांग्रेस ने इस एकाउंट में 2019 में आम चुनाव के दौरान 50 लाख रुपए जमा किए थे। बता दें कि लोकसभा उम्मीदवारों के लिए चुनाव खर्च की सीमा 70 लाख है। इसके साथ ही सभी खर्च बैंक खाते में दिखने भी जरुरी हैं।
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उर्मिला की सफाई
उर्मिला मातोंडकर ने 20 लाख रुपए मुख्यमंत्री सहायता निधि में ट्रांसफर करने को लेकर सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि कोरोना काल में राज्य में सभी उद्योग-धंधे बंद थे। सरकार के पास आय का भी ज्यादा साधन नहीं था। इस हाल में उन्होंने चुनाव फंड के बचे हुए पैसे को मुख्यमंत्री सहायता निधि में ट्रांसफर करने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोरात से बात की। उनकी मंजूरी देने के बाद ही उन्होंने 20 लाख रुपए मुख्यमंत्री सहायता निधि में ट्रांसफर किए।