पार्टी में बगावत शिवसेना की रणनीति का भाग? जानिये, शिंदे ने क्या दिया जवाब

कहा जा रहा कि ये एक बार फिर भाजपा और शिवसेना को एक साथ आने की रणनीति का हिस्सा है। क्योंकि महाविकास आघाड़ी सरकार बनने के बाद शिवसेना की नीति काफी बदली है। इस पूरे मामले में एकनाथ शिंदे ने स्पष्टीकरण दिया है।

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महाराष्ट्र में जारी राजनैतिक उठापटक के बीच यह भी चर्चा है कि इस पूरे ड्रामे की रणनीति शिवसेना ने खुद तैयारी की है और पार्टी में जो भी चल रहा है, वह उसकी उसी पटकथा का हिस्सा है। कहा जा रहा है कि आने वाले समय में मुंबई महानगरपालिका सहित कई स्थानीय निकाय चुनावों में मतदाताओं की सहानुभूति बटोरने के लिए पार्टी द्वारा इस तरह की रणनीति तैयार की गई है।

इसके साथ ही ये भी कहा जा रहा कि ये एक बार फिर भाजपा और शिवसेना को एक साथ आने की रणनीति का हिस्सा है। क्योंकि महाविकास आघाड़ी सरकार बनने के बाद शिवसेना की नीति काफी बदली है और कहा जा रहा है कि उसने हिंदुत्व की नीति छोड़ दी है। लेकिन एक बार फिर एकनाथ शिंदे के बालासाहेब ठाकरे और उनके हिंदुत्व को उठाए जाने के बाद जनता को यह विश्वास हो जाएगा कि वह अपने हिंदुत्व के मुद्दे पर वापस लौट आई है।

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इस पूरे मामले में शिवसेना में बगावत के सूत्रधार एकनाथ शिंदे ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है और इस तरह की रणनीति के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

शरद पवार की चेतावनी
शिवसेना में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच हाथ से जाती सत्ता अब महाविकास आघाड़ी को खल रही है। गुरुवार, 24 जून की शाम एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने बहुत उखड़े हुए लहजे में एकनाथ शिंदे और उनके साथी विधायकों को मीडिया के समक्ष चेतावनी दी थी। जिसका उत्तर उसी भाषा में गरजते हुए नारायण राणे ने दिया है।

क्या कहा शरद पवार ने?
उन्हें विधान सभा में आना ही होगा। उन्हें बहुमत सिद्ध करना होगा। तब उन्हें अपनी विद्रोह का मूल्य अदा करना पड़ेगा।

नारायण राणे का उत्तर
नारायण राणे ने अपने ट्वीट के माध्यम से शरद पवार, संजय राऊत और मुख्यमंत्री को भी उत्तर दिया है।

मुख्यमंत्री पर प्रहार
सम्माननीय नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे मेरे पुराने सहकारी और मित्र हैं। वे और उनके सहकारी सरकार से बाहर निकलकर राज्य के बाहर हैं। उनकी संख्या को देखते हुए भी वर्तमान मुख्यमंत्री ने शोभायात्रा निकाली यह स्वार्थी पन है।

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