एबीपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में रैपिड प्रश्न पर रणजीत सावरकर ने दिए धुआंधार उत्तर

मैं स्वयं यह मांग नहीं करता कि वीर सावरकर को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए, क्योंकि जनता ने उन्हें स्वतंत्रता के नायक का सम्मान दिया, यह बहुत बड़ी बात है।

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स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष और वीर सावरकर के पौत्र रणजीत सावरकर ने हिंदी समाचार चैनल एबीपी न्यूज पर शनिवार, 26 नवंबर को आयोजित ‘प्रेस कांफ्रेंस’ कार्यक्रम में शिरकत की। उस समय उन्होंने चैनल के संपादकीय बोर्ड द्वारा पूछे गए सवालों के धुआंधार उत्तर दिए।

रणजीत सावरकर ने दिए प्रश्नों के ताबड़तोड़ उत्तर
प्रश्न: वीर सावरकर स्वयं को सुभाष चन्द्र बोस के निकट मानते थे या भगत सिंह के ?

उत्तर: भगत सिंह के।

प्रश्न: आप वीर सावरकर के निकट किन्हें मानते हैं, वाजपेयी या मोदी को?

उत्तर: मोदी को।

प्रश्न: आपको वीर सावरकर की पुस्तक 1857 का विद्रोह और हिंदुत्व में से कौन-सी अधिक पसंद है?

उत्तर: हिंदुत्व।
सवाल: आज वीर सावरकर का करीबी कौन है, शिवसेना या भाजपा?

उत्तर: एकनाथ शिंदे की शिवसेना। क्योंकि वे जाति की परवाह किए बिना काम करते हैं। शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे भी जाति की परवाह किए बिना काम करते थे, उद्धव ठाकरे ऐसा काम नहीं करते।

प्रश्न: वाजपेयी ने वीर सावरकर को बहुरंगी व्यक्तित्व कहा था। आप सावरकर को कैसे देखते हैं?

उत्तर: सावरकर को वाजपेयी ने बहुरंगी व्यक्तित्व कहा, सावरकर एक कवि थे, लेकिन मेरी दृष्टि में वे एक तर्कशास्त्री थे, एक तर्कवादी थे, मुझे लगता है कि उनकी असली पहचान एक तर्कवादी, एक राष्ट्रवादी नेता है।

प्रश्न: इस बात के बारे में क्या कहा जाए कि मोदी सरकार ने अभी तक सावरकर को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया है?

उत्तर: मैं स्वयं यह मांग नहीं करता कि वीर सावरकर को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए, क्योंकि जनता ने उन्हें स्वतंत्रता के नायक का सम्मान दिया, यह बहुत बड़ी बात है। फिर कांग्रेस ने गांधी को भारत रत्न क्यों नहीं दिया? अगर वीर सावरकर सरकार को भारत रत्न देना चाहते हैं तो दें, हमें कोई आपत्ति नहीं है।

प्रश्न: क्या कर्नाटक पाठ्यपुस्तक में सावरकर के बारे में गलत उल्लेख किया गया है?

उत्तर: वीर सावरकर ने कहा था कि जब मैं एक कोठरी में था तो मेरा दिमाग बाहर भ्रमण करता था, जब मैं दर्द में था तो मेरे शरीर ने कोलू खींचा था, लेकिन मेरा दिमाग बाहर घुमता था। गलतफहमी के कारण कर्नाटक पाठ्य पुस्तक में गलत संदर्भ दिया गया। किताब में किया गया उल्लेख गलत है।

प्रश्न: क्या कपूर आयोग में सावरकर को गांधी हत्याकांड का आरोपी कहा गया है?

उत्तर: कपूर आयोग ने यह नहीं कहा कि महात्मा गांधी की हत्या में वीर सावरकर अभियुक्त थे। कपूर कमीशन की रिपोर्ट पर सर्वोच्च न्यायालय ने साफ तौर पर कहा था कि कपूर कमीशन ने कहीं भी गांधी हत्याकांड में वीर सावरकर को आरोपी नहीं बनाया।

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