पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने देश की राजनीति को नई परिपाटी पर मोड़ दिया है। उन्होंने ईद के अवसर पर संगरूर जिले के उस क्षेत्र को राज्य के 23वें जिले के रूप में मान्यता दे दी है जहां मुस्लिम अधिक थे। इसे लेकर अब तुष्टीकरण की नई आंधी शुरू होने की परिस्थिति बन गई है।
क्या देश एक और पाकिस्तान बनने के मुहाने पर खड़ा है इस मुद्दे पर लगातार चर्चाएं होती रहती हैं, विरोध होता रहता है कि जाति के आधार पर राजनीति बंद हो। लेकिन पंजाब में जाति के आधार पर एक जिले की रचना हो गई है। इस ईद के अवसर पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मे संगरूर जिले के उस क्षेत्र को नया जिला घोषित कर दिया है, जहां मुस्लिम बहुसंख्यक हैं। यह राज्य का 23वां जिला है, इसका नाम मलेरकोटला है।
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Happy to share that on the auspicious occasion of Eid-ul-Fitr, my Govt has announced Malerkotla as the newest district in the state. The 23rd district holds huge historical significance. Have ordered to immediately locate a suitable site for the district administrative complex. pic.twitter.com/9j6pNRgXWC
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) May 14, 2021
मुख्यमंत्री को याद आए मलेरकोटला के नवाब चाचा
पटियाला राज परिवार से संबद्ध कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नए जिले के गठन की घोषणा के साथ ही अपने पुरान संबंधों को भी याद किया। उन्होंने मलेरकोटला के नवाब के विषय में बताया कि वे उन्हें चाचा जी कहते थे और नवाब उन्हें भतीजा कहते थे।
उन्होंने बताया कि सिख समुदाय के लोग मलेरकोटला के पूर्व नवाब शेर मोहम्मद खान का बड़ा सम्मान करते थे। नवाब ने सिरहिंड के तत्कालीन गवर्नर वजीर खान का विरोध किया था। उसने गुरु गोविंद सिंह के पुत्र बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह को ईंटों में चुनवाने का विरोध किया था।
कांग्रेस ने पूरा किया वचन
कांग्रेस ने अपने चुनावी वादे को पूरा किया है। संगरूर जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर स्थित है मलेरकोटला। यहां का अमरगढ़ और अहमदगढ़ भी इस नए जिले का हिस्सा होगा। मुख्यमंत्री ने नए जिले को 500 करोड़ रुपए दिये हैं जिससे वहां मेडिकल कॉलेज, महिला कॉलेज, बस स्टैंड, पुलिस थाने का निर्माण हो पाए।
आगाखान फाउंडेशन के जिम्मे सांस्कृतिक विरासत
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया की जिले की सांस्कृतिक विरासतों में से एक मुबारक मंजिल पैलेस की देखरेख के लिए उन्होंने आगाखान फाउंडेशन को पत्र लिखा है।
पंजाब सरकार मलेरकोटला के नवाबों की 150 वर्ष पुरानी हवेली का रखरखाव का कार्य करती है। उन्होंने बताया कि, 1454 में शहर को अफगानिस्तान के शेख सदरुद्दीन ए जहांने बसाया था। 1757 में बायजिद खान ने मलेरकोटला की स्थापना की। इसके बाद मलेरकोटला पूर्वी पाकिस्तान में मिल गया। वर्ष 1956 के राज्य पुनर्संरचना में मलरकोटला पंजाब का भाग हो गया।
नए जिले के गठन का शुरू हुआ विरोध
पंजाब के 23वें जिले को रूप मलेरकोटला को मिली वैधानिक मान्यता का विरोध शुरू हो गया है। ट्वीटर पर मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद तीव्र प्रतिसाद उमड़ा है।
इस पर मंजीत सिंह नामक सिख व्यक्ति ने मुख्यमंत्री को उनकी गलती के प्रति आगाह किया है।
Sorry sir don't wish me EID.
REmember we are sikh.
आप पंजाब में छोटा पाकिस्तान बनाने जा रहे हैं पंजाब भूगतेगा आपकी गलती को।#eidmubarak2021 #AkshayTritiya #महा_मूर्ख_दिवस #PunjabStandWithPalestine— Manjeet Singh (@Manjeet93191326) May 14, 2021
नेहा सिंह ने लिखा है कि 13 प्रतिशत लोग आपका जिला बांट सकते हैं और 24 प्रतिशत देश, इसे ध्यान में रखना चाहिये।
https://twitter.com/dhakad135636/status/1393201446661726210
स्वप्निल सिंह लिखते हैं क्या सिख गुरुओं ने इसी दिन के लिए मुगलों से युद्ध किये थे?
Sir, did Sikh Gurus fought Mughals for these days ? Please reply.
— Prithu Pratap Singh (@PrithuSingh59) May 14, 2021
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