प्रधानमंंत्री ने की गुजरात के विकास की प्रशंसा, हाई टेक अस्पतालों के मामले में कही ये बात

प्रधानमंत्री मोदी ने अहमदाबाद के सिविल अस्पताल असरवा में लगभग 1275 करोड़ रुपये की विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद एक सभा को संबोधित किया।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते दो दशकों में गुजरात में हुए तीव्र विकास का हवाला देते हुए कहा कि आज जब हाई-टेक अस्पतालों की बात आती है तो गुजरात का नाम सबसे ऊपर रहता है।

प्रधानमंत्री मोदी 11 अक्टूबर को अहमदाबाद के सिविल अस्पताल असरवा में लगभग 1275 करोड़ रुपये की विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह गुजरात में स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़ा दिन है और इन परियोजनाओं से जुड़े सभी लोगों को समय पर पूरा करने के लिए बधाई। मोदी ने कहा, “गुजरात में जहां विकास की रफ्तार इतनी तेज है, वहीं कार्यों और उपलब्धियों की सूची इतनी लंबी है कि उन्हें गिनना मुश्किल है। हमेशा की तरह गुजरात द्वारा देश में पहली बार कई चीजें की जा रही हैं।”

संबोधन की खास बातेंः
मोदी ने कहा कि गुजरात में कैंसर और अनुसंधान संस्थान के लिए नए भवन के अलावा, उन्नत अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण जैसी सुविधाएं शुरू हो रही हैं। यह देश का पहला सरकारी अस्पताल होगा जो साइबरनाइफ जैसी आधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगा। उल्लेखनीय है कि साइबरनाइफ रेडियोसर्जरी के सबसे उन्नत रूपों में से एक है। यह कैंसर और गैर-कैंसर दोनों प्रकार के ट्यूमर के उपचार के लिए सर्जरी का एक गैर-आक्रामक विकल्प है।

मोदी ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि 20 साल पहले राज्य की जनता को अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए भटकना पड़ता था, कानून-व्यवस्था के लिए लड़ना पड़ता था। अब सरकार सभी के साथ मिलकर नागरिकों की सेवा के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि 20-25 साल पहले गुजरात की व्यवस्थाओं को बहुत सारी बीमारियों ने जकड़ा हुआ था। स्वास्थ्य क्षेत्र में पिछड़ापन, शिक्षा व्यवस्था में कुव्यवस्था, बिजली का अभाव, पानी की किल्लत, हर तरफ फैला हुआ कुशासन और खराब कानून व्यवस्था और इन सारी बीमारियों की जड़ में सबसे बड़ी बीमारी वोट बैंक पॉलिटिक्स थी। आज गुजरात उन सारी बीमारियों को पीछे छोड़कर सबसे आगे चल रहा है। आज जब हाइटेक हॉस्पिटल्स की बात होती है तो गुजरात का नाम सबसे ऊपर रहता है। शिक्षा संस्थानों की बात, एक से बढ़कर एक यूनिवर्सिटी की बात हो तो गुजरात का कोई मुकाबल नहीं है।

मोदी ने कहा कि हमने समग्र दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए काम किया है। इसका गुजरात की विकास यात्रा में काफी फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रयास जब पूरे मन से हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ किए जाते हैं तो उनके परिणाम भी उतने ही बहुआयामी होते हैं। गुजरात की सफलता का यही मंत्र है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 22 साल पहले गुजरात में केवल 9 मेडिकल कॉलेज थे और आज 36 मेडिकल कॉलेज हैं। 20 साल पहले गुजरात के सरकारी अस्पतालों में करीब 15 हजार बेड थे और आज सरकारी अस्पतालों में बेड की संख्या 60 हजार तक पहुंच गई है। पहले गुजरात में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कॉलेज की कुल सीटें 2200 थीं और आज हमारे युवाओं के लिए गुजरात में 8500 सीटें मेडिकल सीटें उपलब्ध हैं। इसके अलावा गुजरात में आज मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में बड़ी कमी आई है।

मोदी ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में, हमने भारत के स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए काम किया है। गुजरात ने मुझे जो सिखाया, वो दिल्ली जाने के बाद मेरे बहुत काम आया। स्वास्थ्य के इसी विजन को लेकर हमने केंद्र में भी काम करना शुरु किया। इन आठ वर्षों में हमने देश के अलग-अलग हिस्सों में 22 नए एम्स दिए हैं। इसका लाभ भी गुजरात को हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार कमजोर वर्ग और महिलाओं के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि जब सरकार संवेदनशील होती है तो उसका सबसे बड़ा लाभ समाज के कमजोर तबके और माताओं-बहनों को होता है।

मोदी ने कहा कि हमारा ध्यान बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों को मजबूत करने पर है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य दो ऐसे क्षेत्र हैं जो केवल वर्तमान ही नहीं बल्कि भविष्य की दिशा भी तय करते हैं।

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