अब संपूर्ण लॉकडाउन? पूरी जानकारी के लिए पढ़ें ये खबर

देश में पिछले 24 घंटों में 3.57 लाख से ज्यादा मामले आए हैं। ये आंकड़ा लगभग 50 देशों में एक दिन में मिले मामलों में सबसे ज्यादा है। इस कारण लॉकडाउन लागू करने को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है।

81

देश में कोरोना संक्रमण उफान पर है। इस पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकारें भी हर तरह के प्रयास कर रही हैं, लेकिन इन प्रयासों का कोई बहुत ज्यादा असर होता नहीं दिख रहा है। इसलिए अब देश में कोरोना की दूसरी लहर की चेन तोड़ने के लिए एक बार फिर संपूर्ण लॉकडाउन लागू करने की मांग जोर पकड़ने लगी है।

बता दें कि देश में पिछले 24 घंटों में 3.57 लाख से ज्यादा मामले आए हैं। ये आंकड़ा लगभग 50 देशों में एक दिन में मिले मामलों में सबसे ज्यादा है।

उद्योग जगत की मांग
लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था पर क्या असर होता है, ये देश एक बार 2020 में देख चुका है। इसके बावजूद उद्योग जगत की ओर से देश में संपूर्ण लॉकडाउ की मांग उठने लगी है। देश के सबसे बड़े उद्योग चैंबर सीआइआइ ने भी सरकार से अनुरोध किया है कि देश हित और आम लोगों की तकलीफों को कम करने के लिए व्यापक स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को सीमित करने के लिए कदम उठाना जरुरी है। इसके साथ ही देश को खुदरा और छोटे व्यापारियों ने भी देश में लॉकडाउन लागू करने की वकालत की है।

कैट का सुझाव
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भारतीया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि एक सर्वे में दिल्ली और देश के 9,117 लोगों को शामिल किया गया था। इनमें से 78.2 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कोरोना देश में अनियंत्रित हो गया है। 67.5 प्रतिशत लोगों ने देश भर में एक साथ लॉकडाउन का समर्थन किया।

पीएम मोदी सक्षम
इस सर्वे में 73.7 प्रतिशत लोगों ने माना कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना महामारी से निपटनें में सक्षम हैं, जबकि 82.6 प्रतिशत लोगों ने किसी एक केंद्रीय मंत्री को दिल्ली में प्रभारी मंत्री बनाकर कोरोना से निपटने का सुझाव दिया।

ये भी पढ़ेंः दीदी की जीत से क्यों उत्साहित हैं देश के विपक्षी दलों के नेता? जानने के लिए पढ़ें ये खबर

राहुल गांधी ने बताया एकमात्र उपाय
कंग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए एकमात्र तरीका लॉकडाउन बताया है। हालांकि उन्होंने इसके साथ ही सरकार से कम आय वाले लोगों के लिए योजना बनाकर उन्हें आर्थिक सहयोग दिए जाने की भी बात कही है।

सर्वोच्च सुझाव
2 मई को जारी एक आदेश में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए सरकार लॉकडाउन पर विचार करे ताकि कोरोना वायरस के प्रकोप को रोका जा सके। कोरोना मामले में सरकार की तैयारियों पर न्यायालय मे कहा है कि हम केंद्र व राज्य सरकारों से गंभीरता से आग्रह करते हैं कि वे किसी भी तरह की भीड़ एकत्रित होने और सुपर स्प्रेडर समारोहों पर प्रतिबंध लगाने पर गंभीरता से विचार करें।

सरकार का रास्ता आसान
जानकारों का मानना है कि सर्वोच्च न्यायालय ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए संपूर्ण लॉकडाउन लागू करने का सुझाव देकर सरकार का काम आसान कर दिया है।

ये भी पढ़ेंः दीदी का विजयोत्सव! निर्दयी ‘ममता’ शर्मसार ‘मानवता’

लॉकडाउन अंतिम विकल्पः पीएम
बता दें कि केंद्र सरकार अभी तक संपूर्ण लॉकडाउन के पक्ष में नहीं है। पिछले महीने की शुरुआत में कोरोना की जब दूसरी लहर पूरे देश को अपनी चपेट में ले रही थी, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मदी ने अपने संबोधन में कहा था कि लॉकडाउन अंतिम विकल्प होना चाहिए।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.