गहलोत की चाल से पस्त कांग्रेस, मझधार में नैया, कौन बनेगा खेवैया?

राजस्थान की कुर्सी सचिन पायलट को अशोक गहलोत नहीं सौंपेंगे। इसका कारण यह है कि कांग्रेस आलाकमान इतनी मजबूत नहीं है कि सचिन पायलट को कुर्सी पर बैठा दे।

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राजस्थान में कांग्रेस के आंतरिक संकट ने पार्टी की नींव हिला दी है। पिछले कुछ वर्षों से कांग्रेस में गांधी परिवार का दबदबा खत्म होता जा दिख रहा है। इस बीच गांधी परिवार के सबसे विश्वत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस की डूबती नैया में और मझधार में धकेल दिया है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली में हैं और उनके सुर बदले-बदले से हैं । चार दिन में पहली बार गहलोत ने उठापटक पर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने गांधी परिवार के साथ अपनी वफादारी गिना दी । लेकिन अपने विरोधी सचिन पायलट को मुख्यमंत्री की सौंपने पर कुछ नहीं बोले। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से हुई मुलाकात में भी समस्या का समाधान निकला, ऐसा नहीं लगता है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वे पार्टी अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे और इसके लिए उन्होंने सोनिया गांधी को सॉरी बोल दिया है।

क्या गांधी परिवार बदलेगा अपना फैसला?
गहलोत ने राहुल गांधी की गैर गांधी परिवार के पार्टी नेता को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मुहिम की हवा निकाल दी है । कांग्रेस की इस स्थिति को देखते हुए राहुल गांधी अपने फैसले पर फिर से विचार कर सकते हैं । जब गैर कांग्रेसी को अध्यक्ष बनाने के नाम पर इतने झगड़े हो रहे हैं तो बनने के बाद क्या होगा, ये सोचने वाली बात है। इस पूरे घटनाक्रम में गांधी परिवार का अशोक गहलोत पर भरोसा कम हुआ है। इस चक्रव्यूह से निकलना कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा।

पुराने खिलाड़ी हैं गहलोत
छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय अशोक गहलोत तीन बार सीएम रह चुके हैं । वे राजस्थान में दो बार प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और कई बार राष्ट्रीय महासचिव के साथ केन्द्र में मंत्री रह चुके हैं । लेकिन राजस्थान में हाल के घटनाक्रम से उनकी छवि को ठेंस पहुंची है।

गहलोत, सचिन की जंग में भाजपा को फायदा
राजस्थान की कुर्सी सचिन पायलट को अशोक गहलोत नहीं सौंपेंगे। इसका कारण यह है कि कांग्रेस आलाकमान इतनी मजबूत नहीं है कि सचिन पायलट को कुर्सी पर बैठा दे। विधायकों के बहुमत के मामले में अशोक गहलोत का पलड़ा भारी है । भाजपा ने कांग्रेस की आंतरिक आपदा में अवसर तलाशना शुरू कर दिया है । भाजपा के सूत्रों का कहना है कि वह पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है। समय पर वह अपने पत्ते खोलेगी।

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