राकांपा अध्यक्ष शरद पवार अस्पताल में भर्ती!

महाराष्ट्र में राजनीतिक भूचाल है। महाराष्ट्र विकास आघाड़ी की सरकार में अब एक दूसरे से जुगलबंदी भी शुरू हो गई है। इस बीच राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की बीमार होना अच्छा संकेत नहीं माना जा सकता है।

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महाराष्ट्र के शीर्ष नेता व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार को अस्पताल में भर्ती किया गया है। उन्हें पित्ताशय में परेशानी है जिसे लेकर उन्हें ब्रीच कैंडी में ले जाया गया है। इस विषय में पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने ट्वीट कर जानकारी दी है।

शरद पवार को पित्ताशय में दर्द था। जिसके बाद उन्हें अस्पातल ले जाया गया है। यहां उनकी एंडोस्कोपी होगी और उसके बाद उनके पित्ताशय को निकाला जाएगा। माना जा रहा है कि पित्ताशय में पथरी होने की दिक्कत शऱद पवार को हो सकती है। जिसमें पित्ताशय को निकालना ही एक मात्र उपचार होता है।

एंडोस्कोपी क्योॆ आवश्यक?
एंडोस्कोपी के माध्यम से डॉक्टर दूरबीन डालकर पीड़ावाले स्थान को देखते हैं। जिससे रोग की सही जानकारी उपलब्ध हो पाती है। पित्ताशय में दर्द की स्थिति में डॉक्टर एंडोस्कोपी के माध्यम से ये पता करते हैं कि कहीं पित्ताशय की पथरी किसी नली में तो नहीं अंटकी है। ऐसी स्थिति में तुरंत शल्यक्रिया आवश्यक होता है अन्यथा पित्ताशय फट सकता है।

आरोपों की बीच बीमारी
राज्य सरकार पर एक के बाद एक दिक्कतें आ रही हैं। मंत्रियों के आचरण को लेकर गंभीर आरोप से सरकार निकल पाती की उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहन मिली विस्फोटक लदी गाड़ी ने अपने भंवरजाल में घेर लिया। यह प्रकरण इतना जटिल हो गया है कि मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाझे की भूमिका ही इस प्रकरण में प्रमुख मानी जा रही है। इस संदर्भ में महाराष्ट्र एटीएस ने जांच रिपोर्ट में स्पष्ट भी किया है।

यह प्रकरण विधान सभा के बजट सत्र में छाया रहा। इसे शांत करने की प्रक्रिया पर सरकार कदम उठा रही थी कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने एक टीवी साक्षात्कार में मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के स्थानांतरण को लेकर टिप्पणी कर दी। इसके बाद परमबीर सिंह ने पलटवार किया तो गृह मंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप मढ़ दिया। इसके बाद से राज्य में राजनीतिक गतिविधियां दिल्ली दरबार और न्यायालय की चौखट तक पहुंच गई हैं।

सरकार में टीका-टिप्पणी
गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगे सौ करोड़ की धन उगाही करवाने के आरोपों के बाद विपक्ष आक्रामक है। जिससे सत्तापक्ष में बैठी महाविकास आघाड़ी के तीन घटक दल शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस में अनबन के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत अपने चिर-परिचित अंदाज में घटक दलों पर टिप्पणियां कर रहे हैं। पहले कांग्रेस पर तीखी टिप्पणी की तो कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने उस पर पलटवार कर दिया। यह प्रकरण शांत होता कि, उन्होंने समाचार पत्र में अपने साप्ताहिक कॉलम में गृह मंत्री अनिल देशमुख को एक्सीडेंटल गृह मंत्री बता दिया। इससे अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) भी शिवसेना के व्यवहार के प्रति असहज हो गई है और उसकी ओर से इसकी शिकायत शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे से करने की बात कही गई है। घटक दलों की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसे मंत्री बनाना है यह निर्णय संबंधित दल का है।

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