मनसुख हिरेन मामले में पुलिस अधिकारी और पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाझे के साथ ही महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार भी ‘बझ’ गई है यानी कि दोनों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस मामले में दबाव में आई महाराष्ट्र सरकार सचिन वाझे के खिलाफ जांच का आदेश दे सकती है। साथ ही वाझे पर गिरफ्तारी की तलवार भी लटक रही है।
बता दें कि विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने 9 मार्च को सदन में सचिन वाझे पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है।
फडणवीस ने की गिरफ्तारी की मांग
फडणवीस ने सदन में कहा कि मनसुख की पत्नी विमला हिरेन का आरोप है कि वाझे ने उनके पति की हत्या की है। फडणवीस ने कहा कि मनसुख की पत्नी ने सलाव उठाए हैं कि उस रात आखिर वो घर से 40 किलोमीटर दूर मुंब्रा खाड़ी के पास क्यों गए थे? फडणवीस ने सदन में यह भी कहा कि वर्ष 2017 में एक एक्सटॉर्शन की एफआईआर दर्जी की गई थी। उसमें एक आरोपी सचिन वाझे भी थे। फडणवीस ने धारा 201 के तहत उनकी गिरफ्तारी की मांग की है।
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मनसुख के ग्राहक थे वाझे
फडणवीस ने सदन में इस मामले को आक्रमाक ढंग से उठाते हुए बताया कि मनसुख की पत्नी का कहना है कि उनके पति और सचिन वाझे के बीच व्यावसायिक संबंध थे और वाझे उनके ग्राहक थे। जो विस्फोट से भरी स्कॉर्पियो कार 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास पाई गई थी, वो गाड़ी उनके पति ने 2019 में वाझे को इस्तेमाल करने के लिए दी थी। नवंबर 2020 में वाझे ने उसे मनसुख को वापस दी थी।
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वाझे ने जताया था मनसुख की गिरफ्तारी का शक
फडणवीस ने बताया कि मनसुख की पत्नी का दावा है कि 26 फरवरी को उनके पति वाझे के साथ मुंबई पुलिस की अपराध शाखा में गए थे। मनसुख की तीन दिन जांच वाझे ने की थी और वाझे के कहने पर ही उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इस दरम्यान जांच के लिए मनसुख को हमेशा पुलिस के फोन आते थे। विमला ने बताया कि वाझे ने बताया था कि उनके पति की गिरफ्तारी हो सकती है।