झुक गए नवाब, कारनामे के लिए खेद है

नवाब मलिक एनसीबी के विभागीय संचालक समीर वानखेडे पर लगातार आक्षेप करते रहे हैं। इसके विरुद्ध वानखेडे परिवार की ओर से न्यायालय की शरण ली गई है।

97

महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री नवाब मलिक ने हाई कोर्ट की अवमानना मामले में शुक्रवार को बिना शर्त माफी मांग ली। मलिक ने इसी के साथ अपने माफी पत्र में यह भी कहा कि वे केंद्रीय अधिकारियों के गलत व्यवहार और उनके राजनीतिक उपयोग पर आवाज उठाते रहेंगे। परंतु, वानखेडे प्रकरण में बिना माफी मांगना नवाब के लिए झुकने से कम भी नहीं है।

बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शाहरुख काथावाला और जस्टिस मिलिद जाधव की खंडपीठ ने 7 दिसंबर को ज्ञानदेव वानखेड़े के आवेदन पर नवाब मलिक को न्यायालय की अवमानना का नोटिस जारी किया था। इसका उत्तर नवाब मलिक को शुक्रवार तक देना था।

ये भी पढ़ें – पंचतत्व में विलीन हुए सीडीएस जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका, बेटियों ने दी मुखाग्नि

चार पन्नों का माफी पत्र
नवाब मलिक ने चार पन्नों में अपना उत्तर दिया है। जिसमें उन्होंने कहा कि, ज्ञानदेव वानखेड़े ने जो तीन बयान का उल्लेख यहां किया है, वह उन्होंने अपनी जिम्मेदारी पर दिया है। पत्रकार परिषद में जब पत्रकारों ने सवाल पूछा तो उसका जवाब देते समय यह वक्तव्य उन्होंने दिया था। उन्हें नहीं लगा था कि उससे कोर्ट की अवमानना होगी। यदि ऐसा है तो वे बिना शर्त माफी मांगते हैं और आगे इस तरह का बयान नहीं देंगे।

ये है प्रकरण
उल्लेखनीय है कि, नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के विभागीय निदेशक समीर वानखेड़े की जाति को मुद्दा बनाकर नवाब मलिक ने मुस्लिम होते हुए दलित कोटे से नौकरी प्राप्त करने का आरोप लगाया था। इसके बाद समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने नवाब मलिक पर 1.25 करोड़ रुपये की मानहानि का प्रकरण दायर किया है। इसी मुकदमे की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने नवाब मलिक को वानखेड़े परिवार के विरुद्ध कोई भी व्यक्तव्य जारी न करने का आदेश जारी किया था। लेकिन 6 दिसंबर को नवाब मलिक ने कहा था कि समीर वानखेड़े पहले उनके साथ नमाज पढ़ा करते थे, इसके बाद भी उन्होंने (समीर वानखेड़े ) ने उनके दामाद को झूठे मामले में फंसाया, ताकि मैं उनके मुसलमान होने की बात न कर सकूं। इसी बयान को अदालत की अवमानना बताते हुए समीर के पिता ज्ञानदेव ने 7 दिसंबर को हाई कोर्ट में आवेदन दिया था और हाई कोर्ट ने नवाब मलिक को कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई क्यों न की जाए कहते हुए शुक्रवार तक रिप्लाई फाइल करने का आदेश दिया था।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.