अंधाधुंध जीआर पर भाजपा का वार, प्रवीण दरेकर ने राज्यपाल से की यह मांग

राजनीतिक अस्थिरता में भी करोड़ो रुपए की परियोजनाओं को धड़ल्ले से दी जा रही मान्यता अब निशाने पर आ गई है।

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महाराष्ट्र में उपजे राजनीतिक संकट के बीच भारतीय जनता पार्टी ने राज्यपाल को पत्र लिखा है। विधान परिषद में नेता विपक्ष प्रवीण दरेकर ने सत्ता पक्ष की अस्थिरता के बीच धड़ल्ले से निकाले जा रहे शासनादेशों (जीआर) को नियंत्रित किये जाने की मांग की है।

क्या है पत्र में?
राज्य में पिछले तीन दिनों में राजनीतिक अस्थिरता की परिस्थिति है। शिवसेना में बड़े स्तर पर विद्रोह हो गया है, मुख्यमंत्री ने खुद त्यागपत्र देने की इच्छा व्यक्त की है, मीडिया रिपोर्ट से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने सरकारी निवास भी छोड़ दिया है।

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ऐसी परिस्थिति में सरकार द्वारा अंधाधुंध शासनादेश निकाले जा रहे हैं। महाविकास आघाड़ी सरकार ने अब तक जितने निर्णय नहीं किये, वह इस काल में कर रही है। समाचार माध्यमों में इस संदर्भ में विस्तृत समाचार भी दिये गए हैं। 48 घंटे में 160 से अधिक जीआर जारी किये गए हैं। विकास कार्यों के नाम पर जारी किये जा रहे यह जीआर संशय निर्माण करते हैं। ढाई वर्षों तक निर्णय शून्य रही महाविकास आघाड़ी सरकार करोड़ो रुपए की मान्यता दे रही है। अत: स्थिति यह है कि, इस गंभीर और संशय उत्पन्न करनेवाली परिस्थिति में आप तत्काल लक्ष्य दें। पुलिस और अन्य विभागों में तबादले भी किये जा रहे हैं। आपको ज्ञात है ही कि, पुलिस विभाग में हुए भ्रष्टाचार के प्रकरण में गृहमंत्री को भी जेल जाना पड़ा है। महाराष्ट्र के हित की दृष्टि से और जनता की निधि का दुरुपयोग रोकने के लिए आप तत्काल हस्तक्षेप करें, यही विनम्र निवेदन है।

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