महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक प्रतिमा विवाद में आ गई है। विवाद शहर के कनॉट क्षेत्र में महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगाने को लेकर शुरू हुआ है। एक करोड़ रुपए की लागत से इस प्रतिमा का निर्माण प्रस्तावित है। एक तरफ शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी ने मूर्ति की मांग की है तो दूसरी तरफ एमआईएम ने इसका विरोध किया है। एमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने इस प्रतिमा का विरोध किया है। उसके बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने मीडिया से बात करते हुए उन्हें चेतावनी दी है।
संजय राउत ने दी चेतावनी
राउत ने कहा है, “एमआईएम महाराणा प्रताप का विरोध क्यों कर रही है? महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज इस देश की वीरता, देशभक्ति और राष्ट्रवाद के प्रतीक हैं। उन्होंने मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, आक्रमणकारियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, हिंदुओं की रक्षा की, हिंदू महिलाओं की रक्षा की, हिंदू मंदिरों की रक्षा की, इसलिए यदि कोई महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज का विरोध करता है, तो याद रखे कि उनकी तलवार आज भी हमारे हाथ में है।”
ये भी पढ़ेंः नेताजी की 125वीं जयंतीः प्रधानमंत्री ने किया नमन, दिया यह संदेश
यह है पूरा मामला
औरंगााबाद के पालक मंत्री सुभाष देसाई की अध्यक्षता में हुई बैठक में विधायक अंबादास दानवे ने सिडको कनॉट क्षेत्र में महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगाने का काम शुरू करने की मांग की है। सांसद इम्तियाज जलील ने इस प्रतिमा के निर्माण का विरोध किया है। उन्होंने मांग की कि इतने ही पैसे से ग्रामीण इलाकों में युवाओं के लिए मिलिट्री स्कूल शुरू किया जाए। उन्होंने ऐसा ही एक पत्र सुभाष देसाई और जिला कलेक्टर को दिया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगाने से कुछ प्राप्त नहीं होगा।