महाराष्ट्र की पिछली महा विकास अघाड़ी सरकार में पर्यावरण मंत्री रहे आदित्य ठाकरे के ढाई साल के कामकाज का ऑडिट होगा। यह निर्णय केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सिफारिश पर लिया है। इससे शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ही नहीं बल्कि समूचे ठाकरे परिवार को करारा झटका लगा है।
इससे पहले ही शिवसेना के 40 विधायक और 12 सांसद शिंदे गुट में शामिल हो चुके हैं। अब उद्धव ठाकरे को विरासत में मिली शिवसेना को छिने जाने से बचाने के लिए लोहे के चने चबाने पड़ रहे हैं।
इन कार्यालयों का ऑडिट शुरू
बताया गया है कि आदित्य के विभाग का ऑडिट मुंबई, पुणे, कोल्हापुर, नागपुर, चंद्रपुर, अमरावती, औरंगाबाद, नासिक, ठाणे, रायगढ़ आदि कार्यालयों में शुरू भी हो चुका है। पहले चरण के ऑडिट में मुख्यालय के साथ नागपुर कार्यालय भी शामिल है। इस समय आदित्य महाराष्ट्र में शिवसंवाद यात्रा पर हैं। इसलिए इस पर उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।