Lok Sabha Elections 2024: आदर्श आचार संहिता की पालना में कारगर साबित हो रहा सी-विजिल एप, दर्ज की गई ‘इतनी’ शिकायतें

सी-विजिल किसी भी व्यक्ति को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करने की अनुमति देता है। लोग इस एप का उपयोग करके कदाचार एवं घटना की जानकारी भेज सकता है।

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Lok Sabha Elections 2024: निष्पक्ष एवं भयमुक्त चुनाव(fair and fear-free elections) का आयोजन एवं आदर्श आचार संहिता(Model Code of Conduct) की पालना सुनिश्चित करने के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय हर संभव प्रयास कर रहा है। उपनिदेशक-सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ऋतेश कुमार शर्मा ने बताया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद जिला निर्वाचन कार्यालय, जयपुर में सी-विजिल एप(c-vigil app in jaipur) जागरूक नागरिकों(aware citizens) ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर 130 शिकायतें दर्ज करवाई है।

कुल 129 शिकायतों का किया गया निस्तारण
शर्मा ने बताया कि सी-विजिल पर प्राप्त कुल 129 शिकायतों का निस्तारण जिला नियंत्रण कक्ष एवं एआरओ स्तर पर किया जा चुका है। शिकायतों पर जिला कलेक्ट्रेट में स्थित नियंत्रण कक्ष ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के माध्यम से 100 मिनट में निस्तारण किया जाता है लेकिन जयपुर जिले में सी-विजिल प्रकरणों पर कार्रवाई एवं निस्तारण का औसत समय 43 मिनट से भी कम है।

इसलिए जरूरी है हर मोबाइल में सी-विजिल एप
लोकसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता के प्रभावी अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सी-विजिल एप तैयार किया गया है। जिसके माध्यम से सतर्क एवं जिम्मेदार आमजन आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

एप पर कोई भी कर सकता है शिकायत
सी-विजिल किसी भी व्यक्ति को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करने की अनुमति देता है। लोग इस एप का उपयोग करके कदाचार एवं घटना की जानकारी भेज सकता है। जिसका 100 मिनट की समय सीमा में संबंधित अधिकारी समस्या का निपटारा करेंगे।

नाम गोपनीय रखने का विकल्प
इस एप की सबसे खास बात यह है कि शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखे जाने का भी विकल्प है। एप के माध्यम से लोग फ्री बीज वितरण, धन वितरण, साम्प्रदायिक हेट स्पीच, लिक्विड व ड्रग वितरण, फेक न्यूज, फायर आर्म्स डिस्प्ले एवं चुनाव प्रक्रिया संबंधित अन्य शिकायतें की जा सकती हैं।

इस तरह करता है काम
नागरिक उल्लंघन की शिकायत का फोटो या वीडियो बनाकर एप पर अपलोड करते हैं। जिला नियंत्रण कक्ष द्वारा सत्यापन के बाद फील्ड यूनिट को शिकायत भेजी जाती है। फील्ड यूनिट मौके पर पहुंचकर कार्रवाई को अंजाम देती है। और शिकायत के निस्तारण की रिपोर्ट जिला नियंत्रण कक्ष को भेजी जाती है और रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा वस्तुस्थिति की जानकारी दी जाती है।

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