हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राह पर चल पड़े हैं। उनकी सरकार ने योगी की तर्ज पर दंगा और हिंसक प्रदर्शन के दौरान की गई तोड़फोड़ की भरपाई प्रदर्शकारियों से करने का बिल पेश किया है। हरियाणा विधानसभा में 18 मार्च को यह बिल पेश किया गया है। इस बिल में दंगों और हिंसक प्रदर्शन सहित आंदोलन के दौरान हुई तोड़फोड़ तथा अन्य तरह के नुकसान की भरपाई आंदोनकारियों द्वारा किए जाने की व्यवस्था की गई है।
कांग्रेस ने किया विरोध
इस बिल का कांग्रेस ने जोरदार विरोध किया है। उसने इस बिल को वापस लेने की मांग की है। जब विधानसभा में स्पीकर ज्ञानी चंद गुप्ता बिल पारित करने की प्रक्रिया पूरी कर रहे थे, उस समय कांग्रेस विधायक सदन के वेल के पास जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे। वे बिल को वापस लेने की मांग कर रहे थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह बिल किसानों की आवाज को दबाने के लिए लाया गया है। पार्टी के विधायक रघुवीर सिंह ने कहा कि इस बिल की आवश्यकता और सरकार की मंशा पर संदेह है। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन के दौरान इस बिल को लाने का क्या मतलब है। उन्होंने बिल वापस लेने की मांग की।
ये भी पढ़ें – भोंगे की बोलती बंद! ‘कर्नाटक’ में हुआ ‘प्रयाग’ में कब?
खट्टर सरकार ने दी सफाई
गृह मंत्री अनिल विज ने यह बिल पेश करते हुए कहा कि यह किसानों के आंदोलन को लेकर कतई नहीं है। जो लोग शांति से प्रदर्शन करते हैं, उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं होगी, लेकिन जो लोग तोड़फोड़ और संपत्ति का नुकसान करते हैं, उनको उसकी भरपाई करनी होगी।