ये क्या हो रिया है? सोशल प्लेटफॉर्म से चले तीर, प्रशासन की बढ़ी पीर

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रिपोर्ट – अशोक शुक्ला
मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण नित नई करवट ले रहा है। इस प्रकरण में परिवार ने आत्महत्या को लेकर शंका जाहिर की और सुशांत के पैसों के गैर व्यवहार का आरोप लगाया है। इसकी जांच केंद्रीय जांच एजेंसिया कर रही हैं जिसने अब नया मोड़ ले लिया है। इसमें अब ड्रग्स और धमकियों का दौर ज्यादा रंग में है। सुशांत की प्रिया रिया नशे की खरीद और परोसने के मामले में जेल में हैं और पूरे प्रकरण को लेकर सुशांत सिंह राजपूत के परिवार का पक्ष लेनेवाली कंगना अपना दफ्तर भी तुड़वा बैठी हैं। इन दोनों ही मुद्दों में जिसने तीर का काम किया वो है सोशल प्लेटफॉर्म। सोशल मीडिया पर हुए अनसोशल खुलासों के कारण आरोपी रिया की ‘डी’ कंपनी जेल में है तो दूसरी तरफ कंगना और शिवसेना में चले वाक् युद्ध से प्रशासन की पीर बढ़ी हुई है। वो कार्रवाई करे तो कोर्ट फटकारे न करे तो सरकार मारे।
सुशांत सिंह राजपूत मामले में सीबीआई जांच जारी है। सूत्रों के अनुसार उसे कुछ ठोस लीड मिली है। लेकिन इस जांच के बीच मिले व्हाट्स ऐप चैट ने आत्महत्या के कारणों की जांच, पैसों के गबन से संबंधित मामले में नशे की पुड़िया घोल दी। नशे के लेनदेन से संबंधित रिया और उसके भाई शोविक के मोबाइल में मिले चैट के आधार पर जांच के लिए तीसरी केंद्रीय एजेंसी मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) की जांच में एंट्री हो गई। कई दिनों से चली जांच के बाद रिया चक्रवर्ती उसका भाई शोविक, सुशांत सिंह का हाउस मैनेजर सैम्युअल मिरांडा समेत 10 लोग जेल पहुंच गए। रिया उसका भाई जेल में न्यायिक हिरासत में हैं जबकि दूसरी तरफ सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण में बॉलीवुड के ड्रग माफिया की भूमिका को लेकर बयान देनेवाली फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत राजनीति के भंवर में फंस गई। उनका पंगा राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शिवसेना से हो गया। सोशल प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टा आदि पर कंगना ने वाक् युद्ध शुरू कर दिया। कंगना की बयानबाजी को महाराष्ट्र का दबंग दल शिवसेना कहां सुनने वाला। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सिपहसालार संजय (संजय राऊत जी) ने कमान संभाल ली। उन्होंने अपने बाणों से टीवी चैनलों पर और अपने अखबार में तीखे-तीखे लहजे में कंगना को उधेड़ना शुरू कर दिया। बची खुची कसर मुंबई महानगर पालिका ने पूरी कर दी। अवैध निर्माण बताकर कंगना रनौत का करोड़ों का कार्यालय ‘उखाड़ दिया’। इसमें प्रशासन आज भी पंजा लड़ाए फंसा हुआ है। शिवसेना का मुखपत्र कंगना के कार्यालय पर हुई कार्रवाई के बाद लिखता है ‘उखाड़ दिया’ और मुख्यमंत्री और उनके संजय कहते हैं वो तो मुंबई महानगर पालिका का कार्यक्षेत्र है। हमारी उसमें कोई भूमिका नहीं है।
बहरहाल सोशल प्लेटफॉर्म पर बयाबनाजी, बदजुबानी पुलिस थानों तक पहुंच चुकी है। इस बीच तीन केंद्रीय एजेंसियां पूरी तन्मयता से सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण की जांच में जुटी हैं। लेकिन न तो राजनीतिक दांव पेंच अभी थमे हैं और न ही कंगना रुकी हैं। इस बीच अब नशे की पुड़िया की जांच के लिए मुंबई पुलिस बुलाएगी फिल्मी गुड़िया।

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