Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कही यह बात

एक सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि वर्ष 2019 में जम्मू कश्मीर में हुए बदलावों के बाद परिसीमन की प्रक्रिया दिसंबर 2023 तक चली।

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Jammu Kashmir: मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद जम्मू कश्मीर विधानसभा (Jammu Kashmir Assembly) के चुनाव कराए जाएंगे। सुरक्षा कारणों से जम्मू कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराना संभव नहीं है। चुनाव आयोग ने 16 मार्च (शनिवार) को लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा की। आयोग ने इस दौरान चार राज्यों सिक्किम, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और आंध्रप्रदेश में विधानसभा चुनाव कार्यक्रमों की भी घोषणा की।

एक सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि वर्ष 2019 में जम्मू कश्मीर में हुए बदलावों के बाद परिसीमन की प्रक्रिया दिसंबर 2023 तक चली। परिसीमन के बाद आयोग की जिम्मेदारी राज्य में विधानसभा चुनाव कराए जाने की है। इस संबंध में राज्य के राजनीतिक दलों और नेताओं से विचार-विमर्श किया गया जिनका मानना है कि लोकसभा के साथ ही राज्य में भी मतदान कराए जाएं। हालांकि चुनाव मशीनरी का मानना इससे अलग था और उन्हीं के कहने पर चुनाव को टाला गया है। लोकसभा के बाद तुरंत जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे।

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सुरक्षा बलों की बड़े स्तर पर तैनाती
आयोग ने कहा कि राज्य में सुरक्षा के हालात गंभीर हैं। विधानसभा की 90 सीटें हैं। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 10 से 12 उम्मीदवार होंगे और उन्हें सुरक्षा देनी होगी। यह केवल एक उदाहरण है कि चुनाव कराने के लिए सुरक्षा बलों की बड़े स्तर पर तैनाती करनी होगी। लोकसभा चुनावों के साथ यह करना संभव नहीं है। इसी के चलते जम्मू-कश्मीर में बाद में मतदान कराने की योजना है।

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अनुच्छेद 370 के बाद पहला विधानसभा चुनाव
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर राज्य के पुनर्गठन के बाद दो केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अस्तित्व में आए थे। चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट भी गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने 370 को हटाए जाने को संवैधानिक माना और चुनाव आयोग से सिंतबर, 2024 तक चुनाव कराने के निर्देश दिए।

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