एफएटीएफ कार्रवाई: आतंकी पाकिस्तान को छूट, रूस पर कड़े किये आर्थिक प्रतिबंध

एफएटीएफ सूची आतंकी गतिविधियों में संलिप्त देशों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाती हैं। जिससे संबंधित देश को वैश्विक बैकों से कोई आर्थिक सहायता नहीम मिल पाती है।

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आतंकी फंडिंग व वित्त पोषण के मामलों पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफटीएफ) ने रूस पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। एफएटीएफ ने रूस के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए उसे आर्थिक गतिविधियों से साइडलाइन कर दिया है। जबकि, आतंक का नित्य ही बढ़ावा देनेवाले देश पाकिस्तान को इस सूची से बाहर कर दिया गया है।

एफटीएफ के अध्यक्ष टी राजा कुमार ने शुक्रवार को कहा कि रूस पर वर्तमान और भविष्य की परियोजनाओं से रोकने सहित अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया गया है। बतादें कि रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने और यूक्रेन में हुए विनाश के कारण, रूस को एफएटीएफ के क्षेत्रीय साझेदार निकायों की बैठकों में इसके सदस्यों के रूप में भाग लेने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।

टी राजा कुमार ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की बार-बार निंदा की। इस सप्ताह पूर्ण चर्चा के बाद, एफएटीएफ अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। प्रतिबंध में वर्तमान और भविष्य की परियोजनाओं से रूस को रोकना और संस्था के सदस्य के रूप में इसके क्षेत्रीय साझेदार निकायों की बैठकों में भाग लेना शामिल है।

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आतंकी देश की सराहना
एफएटीएफ की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में वित्तीय आतंकवाद से निपटने में पाकिस्तान के प्रयास की सरहाना की गई है। बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान ने धन शोधन के खिलाफ प्रयासों को मजबूत किया है, वह आतंकवाद को मिल रहे वित्त पोषण से लड़ रहा है और तकनीकी खामियों को दूर किया है। पाकिस्तान पर मनी लॉड्रिंग और आतंकवादियों को वित्तीय मदद पहुंचाने का आरोप था।

एफएटीएफ ने कहा कि वह आतंकियों को वित्तीय मदद से निपटने के लिए पाकिस्तान की तरफ से सुधारात्मक पहल का स्वागत करता है। एफएटीएफ ने 20-21 अक्टूबर को पेरिस में हुई अपनी पूर्ण बैठक में यह फैसला लिया।

एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 34 एक्शन आइटम दिए थे। एफएटीएफ ने कहा कि उसने जून 2018 और जून 2021 में जिन कमियों की पहचान की थी, उनको पाकिस्तान ने समय सीमा के भीतर पूरा कर लिया है। इसलिए पाकिस्तान अब एफएटीएफ की बढ़ी हुई निगरानी प्रक्रिया के अधीन नहीं है। एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर आने का मतलब है कि पाकिस्तान को विदेशी मदद हासिल करने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

पाकिस्तान को पहले से ही पता था
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि एफएटीएफ की तकनीकी टीम ने देश का ‘सफल’ दौरा किया है। पाकिस्तान अक्टूबर में मूल्यांकन प्रक्रिया के ‘तार्किक निष्कर्ष’ की उम्मीद कर रहा है।

एफएटीएफ सूची से निकलने का अर्थ
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और यूरोपीय संघ (ईयू) से वित्तीय मदद हासिल करने की कोशिशें कर सकता है।

म्यांमार पहुंचा काली सूची में
उधर, एफएटीएफ ने म्यांमार को अत्यधिक खतरे वाली (हाई रिस्क क्षेत्राधिकार) की श्रेणी में रखा है। इसे एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट के रूप में माना जाता है।

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