दिल्ली के गाजीपुर सीमा पर पिछले 83 दिनों से आंदोलन कर रहे किसान बिजली चोरी कर हीटर, टीवी और वॉशिंग मशीन जैसे उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके साथ ही उनकी वजह से निर्माणाधीन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है। ये आरोप हाईवेज कौ तैयार करने और उसकी रखरखाव का काम करनेवाली संसथा नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने लगाए हैं।
अथॉरिटी ने की रोड खाली कराने की मांग
अथॉरिटी ने उत्तर प्रदेश सरकार से रोड खाली कराने का अनुरोध किया है। एनएचएआई ने योगी सरकार से स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट पर अमल करने की मांग की है। बता दें कि इस एग्रीमेंट के तहत यह सुनिश्चित की जाती है कि कोई भी सरकारी या निजी संस्था या लोग हाईवे प्रोजेक्ट को बाधित नहीं करेंगे।
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टिकैत ने कही है एसी लगाने की बात
बता दें कि भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गर्मी में यहां एसी लगाने की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को अक्टूबर तक आंदोलन चलाने का अल्टीमेटम दिया है। इसका मतलब यह है कि किसान संगठन का यह आंदोलन काफी लंबा चल सकता है। बता दें कि राकेश टिकैत यूपी सरकार के विद्युत नियमन आयोग की सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं।
83 दिनों से जारी है आंदोलन
बता दें कि नवंबर 2020 से ही कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और सरकार के बीच कृषि कानून के मुद्दे पर गतिरोध जारी है। इस आंदोलन के 83 दिन हो चुके हैं, लेकिन कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। 11वें दौर की बातचीत में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने किसानों के समक्ष कृषि कानूनों को डेढ़ साल के लिए स्थगित करने का भी प्रस्ताव रखा था, लेकिन किसान नेताओं ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया।