महाराष्ट्र विकास आघाड़ी के एक साल पूर्ण होने पर सरकार जश्न मनाने के मूड में है, लेकिन इस बीच सरकार में शामिल कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। इस तीन पहिए की सरकार में शामिल कांग्रेस में गुटबाजी बढ़ती नजर आ रही है। लॉकडाउन में बिजली सप्लाई करनेवाली कंपनियों द्वारा भेजे गए बंपर बिल में राहत देने के मुद्दे पर पार्टी नेता दो गुटों में बंटते नजर आ रहे हैं।
अशोक चव्हाण ने लगाया जल्दीबाजी का आरोप
इस बंपर बिजली बिल को लेकर कांग्रेस नेता और राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने लोगों को राहत देने का भरोसा दिलाया था। लेकिन महाविकास आघाड़ी सरकार ने उनके निवेदन के बावजूद इस तरह का कोई निर्णय नहीं लिया। इस बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेता और पी डब्ल्यूडी मिनिस्टर अशोक चव्हाण ने कहा है कि राऊत ने इस बारे में घोषणा करने में जल्दीबादी की। उन्हें इस बारे में मंत्रिमंडल के सहयोगियों से चर्चा करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन के कारण राज्य की आर्थिक हालत ख्स्ता है। ऐसे में वह बिजली बिल माफ करने का आर्थिक बोझ उठाने की हालत में नहीं है।
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बालासाहब थोरात ने दिया जवाब
इस बीच चव्हाण के बयान पर राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि बिजली बिल में राहत देने का ऐलान मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ चर्चा करने के बाद किया गया था। नितिन राऊत ने इस बारे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत अन्य मंत्रियों से भी चर्चा की थी। उन्होंने कहा कि अशोक चव्हाण को इस बारे में शायद जानकारी नहीं है।
विपक्ष के साथ सहयोगी कांग्रेस भी बढ़ा रही है सरकार की परेशानी
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने उग्र विरोध प्रदर्शन शुरू कर उद्धव सरकार की नींद उड़ा दी है। दूसरी तरफ सरकार में शामिल कांग्रेस भी उसकी परेशानी बढ़ा रही है।