कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने पार्टी लाइन से हटकर दिया बड़ा बयान! पीएम के लिए कही ये बात

कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य आनंद शर्मा ने पार्टी लाइन से हटकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है, 'केंद्र और राज्यों के बीच टकराव का रास्ता भारत के राष्ट्रीय हित को आहत करता है।'

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देश कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है। इसके बावजूद केंद्र और राज्य सरकारों के बीच में कोई विशेष सहयोग नहीं दिख रहा है। खास करके गैर भारतीय जनता शासित राज्य केंद्र के विरोध में मुद्दे की तलाश में रहते हैं। इस वजह से समस्याओं का हल तो नहीं निकलता,समस्याएं और बढ़ जरुर जाती हैं। इसका खमियाजा आखिर में जनता को ही भुगतना पड़ता है। अब कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य आनंद शर्मा ने पार्टी लाइन से हटकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है, ‘केंद्र और राज्यों के बीच टकराव का रास्ता भारत के राष्ट्रीय हित को आहत करता है। प्रधान मंत्री मोदी ने सहकारी संघवाद की बात की है। अब इस मंत्र पर अमल करने का समय है।’

आनंद  शर्मा ने ये ट्वीट किस मुद्दे को लेकर किया है, ये तो स्पष्ट नहीं है लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने कई मुद्दों पर केंद्र और गैर भाजपा शासित प्रदेश की सरकारों के बीच टकराव को लेकर यह बात कही है। वैक्सीन और ऑक्सीजन से लेकर अन्य तरह की जीवनरक्षक दवाओं और अन्य मुद्दों पर महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, झारखंड और दिल्ली की सरकारें केंद्र की हर नीतियों की आलोचना करना अपना प्रथम धर्म समझती हैं। ऐसे में आनंद शर्मा का यह बयान बेहद महत्वपूर्ण है।

लोकतंत्र की शक्ति सहयोग और संवाद
शर्मा ने कहा है कि  लोकतंत्र की शक्ति सहयोग और संवाद है। प्रधान मंत्री के पास देश के निर्वाचित नेता के रूप में जनादेश है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी संवैधानिक जनादेश मिला है, जिसे मान्यता दी जानी चाहिए। भारत एक संघीय देश है और संविधान की भावना का सम्मान किया जाना चाहिए।

भारत के लोग व्यथित और निराश
उन्होंने देश की जनता की भावनाओं को व्यक्त करते हुए लिखा है, ‘भारत के लोग व्यथित और निराश हैं। मैं विनम्रता कहता हूं कि हमारे देशवासियों का जीवन किसी भी विषय से ज्यादा महत्वपूर्ण है। भारतीयों के जीवन की रक्षा करना न केवल सरकार कानूनी और राजनीतिक कर्तव्य है, बल्कि सभी सरकारों की नैतिक जिम्मेदारी भी है।’

पीएम से अनुरोध
आनंद शर्मा ने लोकतंत्र में विचारधाराओं के विरोध को सामान्य बाl बताते हुए पीएम से कोरोना संक्रमण समेत अन्य तरह की समस्याओं से निपटने के लिए मुख्यमंत्रियों से बात करने का अनुरोध किया है। उन्होंने लिखा है, ‘मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करता हूं कि इस चुनौती का सामना करने के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की पहल करें। लोकतंत्र में विचारधाराओं का विरोध बना रहेगा लेकिन ये अंतर व्यक्तिगत नहीं होने चाहिए। संकट की इस घड़ी में हम सभी को एकजुट रहना चाहिए।’

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देश के वैज्ञानिकों और संस्थानों पर गर्व
आनंद शर्मा ने देश के वैज्ञानिकों और संस्थानों पर गर्व करते हुए लिखा है,’भारत को अपने वैज्ञानिकों और अपने संस्थानों की क्षमता पर गर्व है। केवल यथार्थ स्वीकारने से ही हम सही कदम उठा सकते हैं। संकट में ही नहीं, सामान्य हालात में भी विविधता और महाद्वीपीय आकार वाला हमारा देश दो कार्यालयों और सामान्य कुछ अधिकारियों से प्रबंधित नहीं किया जा सकता।’

पहले भी पीएम की कर चुके हैं प्रशंसा
आनंद शर्मा इससे पहले भी कई बार पार्टी लाइन से अलग हटकर बातें करते रहे हैं। वे कई बार प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा भी कर चुके हैं। पीएम ने जब पुणे जाकर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में वैक्सीन निर्माण का निरीक्षण किया था और इसी क्रम में वैक्सीन निर्माण में जुटे कई वैज्ञानिकों से मुलाकात कर उनकी प्रशंसा की थी, तब उन्होंने पीएम की ट्वीट कर प्रशंसा की थी।

पार्टी के निशाने पर आ सकते हैं शर्मा
बता दें कि कांग्रेस जहां टूल किट जारी कर कोरोना को इंडियन और मोदी वैरिएंट बताते हुए केंद्र सरकार और पीएम को बदनाम करने का अभियान चला रखा है, ऐसे समय में पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा का इस तरह का सकारात्मक बयान काफी महत्वपूर्ण है। लेकिन इस तरह के बयानों के लिए वे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के निशाने पर भी आ सकते हैं।

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