एक पुरानी कहावत है,”सियायत में सब कुछ संभव है।” इतिहास ऐसे उदाहरणों से पटा पड़ा है, लेकिन इसका ताजा उदाहरण जम्मू-कश्मीर में देखने को मिल रहा है। 5 अगस्त को केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद एक दूसरे को कोसते रहनेवाली पार्टियों की एकजुटता ने एक बार इस कहावत पर मुहर लगा दी है।जिस पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी( पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती की आलोचना करते नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला और उनके पुत्र तथा जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला थकते नहीं थे, उनके बीच अब प्यार पनपने लगा है। अब वे एक दूसरे के घर जाकर खैरियत पूछने के बहाने सियायत की रोटियां सेंक रहे हैं।
हाल-चाल पूछने का बहाना
केंद्र और जम्मू-कश्मीर( राज्यपाल) प्रशासन के खिलाफ इनकी एकजुटता स्वार्थ की सियासत की मिसाल है। मंगलवार को जब मैडम महबूबा मुफ्ती पर से नजरबंदी हटाकर उन्हें रिहा कर दिया गया तो उमर अब्दुल्ला ने सबसे पहले तो उन्हें ट्विटर पर बधाई दी और उन्हें जब लगा कि इतने भर से बात नहीं बनेगी तो वे अपने पिता फारुक अब्दुल्ला के साथ मैडम महबूबा के घर मिलने पहुंच गए। कहने को तो उमर ने इतना ही कहा, “लंबे समय बाद महबूबा साहिबा रिहा हुई थीं तो हम उनका हाल-चाल जानने चले गए थे।” लेकिन इसी बहाने उनके बीच गुपकार घोषणा को लेकर बातें भी हो गईं और आगे की रणनीति बनाने के लिए वे अगली बैठक में आने का उन्हें न्योता भी दे आए।
मुफ्ती ने भी बढ़ाया दोस्ती का हाथ
मुफ्ती ने भी दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए जवाब में कहा ,”आप (उमर ) और फारुक साहब से मिलकर मुझे अच्छा लगा। मुझे विश्वास है कि हम सब मिलकर चीजों को बेहतर बानएंगे।”
It was nice of you & Farooq sahab to come home. It gave me courage listening to him. Im sure together we all can change things for the better. https://t.co/48yc39Wjhb
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 14, 2020
क्या है गुपकार घोषणा?
गुपकार घोषणा नैशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुला के गुपकार स्थित आवास पर एक सर्वदलीय मीटिंग के दैरान जारी किया गया प्रस्ताव है। इसे जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य के दर्जे को वापस लिए जाने से ठीक एक दिन पहले यानी 4 अगस्त, 2019 को जारी किया गया था। प्रस्ताव में कहा गया था कि 6 पार्टियों ने सर्वसम्मति से ये फैसला किया है कि जम्मू-कश्मीर की पहचान,स्वायतता और उसके विशेष दर्जे को संरक्षित करने के लिए वे मिलकर प्रयास करेंगी। इस प्रस्ताव पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के आलावा पीडीपी, पीपल्स कॉन्फ्रेंस और अन्य छोटे दलों के हस्ताक्षर हैं।
बीजेपी ने बताया षड्यंत्र
महबूबा और फारुख व उमर अब्दुल्ला की मुलाकात पर जम्मू-कश्मीर के बीजेपी अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा है कि ये लोग अपने पापों को छिपाने के लिए षड्यंत्र कर रहे हैं। रैना ने कहा कि महबूबा मुफ्ती के घर फारुक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला की जो मीटिंग हुई है,उसमें गुपकार एजेंडे को आगे बढ़ाने पर चर्चा की गई है। रैना ने कहा कि ये गुपकार एजेंडा देशद्रोहियों का पाकिस्तानी एजेंडा है। जम्मू-कश्मीर की जनता का इस एजेंडे से कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए यहां की जनता ने उसे पहले ही कूड़ेदान में पेंक दिया है। उन्होंने कहा कि ये लोग खुद को बचाने के लिए षड्यंत्र रच रहे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी षड्यंत्र करेगा वो बच नहीं पाएगा।
4 अगस्त को लिया गया था हिरासत में
पिछले साल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने से पहले जम्मू-कश्मीर के कई अहम नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था। इनमें महबूबा मुफ्ती भी शामिल थीं। उन्हें मंगलवार को 434 दिनों यानी करीब 14 महीने बाद रिहा किया गया।
उमर अब्दुल्ला ने बताया, लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ
महबूबा मुफ्ती की रिहाई के बाद उमर अब्दुल्ला ने खुशी जताई। उन्होंने महबूबा की रिहाई पर ट्विट करते हुए लिखा था, “उन्हें निरंतर हिरासत में रखा जाना लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ था।”
कांग्रेस- सीपीआईएम ने किया रिहाई का स्वागत
पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी( सीपीआईएम) के सीताराम येचुरी ने भी महबूबा की रिहाई पर खुशी जताई थी। चिंदबरम ने कहा कि दुख की बात है कि केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर के प्रशासन को कानून के दुरुपयोग की भयावहता का अहसासस नहीं हुआ।जम्मू -कश्मीर की मुख्य धारा की सभी पार्टियों को केंद्र सरकार के अत्याचार के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट होना चाहिए। सीताराम येचुरी ने ट्विट करते हुए कहा, “लंबे अवैध हिरासत के बाद महबूबा मुफ्ती का स्वागत है। मोदी सरकार को 4 और 5 अगस्त 2019 को अवैध रुप से हिरासत में लिए गए अन्य लोगों को भी रिहा करना चाहिए।”
कई स्थानों पर रखी गई थीं महबूबा
महबूबा मुफ्ती को पहले एक सरकारी बिल्डिंग में रखा गया था। उसके बाद उन्हें शाही गेस्ट हाउस में रखा गया था।फिर उन्हें एमए लिंक रोड पर एक दूसरे गेस्ट हाउस में शिफ्ट कर दिया गया था। अप्रैल 2020 से उन्हें हाउस अरेस्ट में रखा गया था।