पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 नजदीक आ रहा है। इसे देखते हुए पार्टी हाईकमान कांग्रेस में कई महीनों से जारी कलह को जल्द से जल्द खत्म करना चाहती है। इसके लिए वरिष्ठ पार्टी अधिकारियों के पैनल गठित करने के साथ ही वह खुद भी सक्रिय है, लेकिन कलह है कि खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच राज्य में दो घटनाएं सभी को अचंभित कर रही हैं जिसमें से एक है नवजोत सिंह सिद्धू के घर गुलदस्तों और शुभकामनाओं में अचानक हुई बढ़ोतरी और कैप्टन अमरिंदर सिंह का सोनिया गांधी को लेटर। इन दोनों से सवाल खड़ा होने लगा है कि क्या कैप्टनसी खतरे में है?
नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस मुद्दे पर कड़ा एतराज जताया है।
कैप्टन का कड़ा एतराज
कैप्टन ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पंजाब कांग्रेस की कमान नवजोत सिंह सिद्धू के हाथ में सौंपे जाने पर एतराज जताया है। मिली जानकारी के अनुसार सीएम ने सिद्धू की मांग को मानते हुए उन्हें प्रदेश पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने के सोनिया गांधी के निर्णय पर अपनी आपत्ति जताई है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि अगर पार्टी के पुराने नेताओं को नजअंदाज किया गया तो 2022 में प्रदेश में होने वाले चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर बुरा असर पड़ सकता है।
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सोनिया से मिले सिद्धू
बता दें कि सोनिया गांधी ने सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का निर्णय ले लिया है। अब कैप्टन के पत्र से उनके सामने एक बार फिर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। सिद्धू ने 16 जुलाई को दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की है। इस बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ ही पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत भी उपस्थित थे। इस बीच पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू के घर गुलदस्ते और शुभकामनाओं का दौर शुरू हो गया है। जिसने सभी में संभ्रम उत्पन्न कर दिया है कि इसका कारण क्या है?
अब क्या करेंगे हरीश रावत?
बैठक के बाद रावत ने कहा कि सोनिया गांधी ने इस मुद्दे पर निर्णय ले लिया है और जब अंतिम निर्णय लिया जाएगा तो मीडिया को बताया जाएगा। कैप्टन के लेटर लिखे जाने के बाद समझा जा रहा है कि रावत एक बार फिर उनसे मुलाकात कर उन्हें मनाने की कोशिश कर सकते हैं।