महाराष्ट्र विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने स्वातंत्र्यवीर सावरकर के आत्मार्पण दिन पर मुख्यमंत्री द्वारा एक ट्वीट भी न किये जाने का मुद्दा और औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर करने का मुद्दा उठाया। देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस के दबाव में स्वातंत्र्यवीर और संभाजी नगर के मुद्दे को भूलने का आरोप लगाते हुए सरकार को खरी-खरी सुनाई।
महाराष्ट्र विधान सभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा चल रही थी। इसमें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को नेता प्रतिपक्ष ने उनके हिंदुत्व के एजेंडे को भूलने की सुध कराई। देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना के हिंदूवादी होने के ढिंढोरे पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने आरोप लगाया है कि शिवसेना कांग्रेस के दबाव में है। इसके कारण उन्होंने 26 फरवरी 2019 को स्वातंत्र्यवीर सावरकर के आत्मार्पण दिन पर एक ट्वीट तक नहीं किया। इसके अलावा औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर करने के मुद्दे का उल्लेख तक शिवसेना भूल गई है।
स्वातंत्र्यवीर के विरुद्ध अपमानास्पद पुस्तक पर अब तक कार्रवाई नहीं
कांग्रेस ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर के विरुद्ध झूठे आरोपों को मढ़कर पुस्तकें वितरित की थी। इसके विरुद्ध स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक ने एक पत्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यालय में 3 जनवरी 2020 को दिया था। इस प्रकरण में कार्रवाई को लेकर स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर और पदाधिकारी मुख्यमंत्री से मिलने उनके मंत्रालय स्थित कार्यालय में गए थे लेकिन वे पिछले दरवाजे से निकल गए। इस प्रकरण में अभी भी आरोपी कांग्रेस के पदाधिकारियों पर कार्रवाई का आदेश तक नहीं दिया गया है।