कर्नाटक में दंगों की धमकी देकर स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम रद्द करवाया, एसडीपीआई के आगे कांग्रेस का इस्लामी तुष्टीकरण

कर्नाटक में कांग्रेस की सत्ता आते ही इस्लामी जमीयत उलेमा ए हिंद, एसडीपीआई और वक्फ बोर्ड जैसे संगठनों ने सिर उठा लिया। इनकी हिम्मत के आगे कांग्रेसी सत्ता भी झुक गई है। जमीयत उलेमा ने तो गिना दिया कि कैसे इस्लामी कट्टरवादियों के रहम ओ करम पर कांग्रेस ने सत्ता पाई है।

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पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ

कर्नाटक में कांग्रेस की सत्ता के आने के बाद से ही इस्लामी तुष्टीकरण चरम पर है। परंतु, अब इस तुष्टीकरण की मांग के आगे राष्ट्र निष्ठा और स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम को रोक दिया गया है। बीजापुर में वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ को एक स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में सम्मिलित होना था, लेकिन प्रतिबंधित पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया की राजनीतिक इकाई सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) की मांग के आगे नतमस्तक होते हुए कांग्रेस शासित सरकार ने रद्द कर दिया है। इस निर्णय से इस्लामी तुष्टीकरण की नीति को लेकर कर्नाटक में तीव्र रोष उठ रहा है।

स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम मनाना प्रत्येक भारतीय का मौलिक अधिकार है। लेकिन, कांग्रेस शासित कर्नाटक में इस्लामी कट्टरवाद इस रूप से हावी है कि, दंगों की धमकी देकर जेहादी ताकतों ने एक स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम ही रद्द करवा दिया। यह कार्यक्रम कर्नाटक के बीजापुर जिले में होना था। जिसमें, प्रखर राष्ट्र निष्ठ पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ को राष्ट्र विचार प्रस्तुत करना था।

कांग्रेसी सत्ता नतमस्तक
कांग्रेस शासन में इस्लामी तुष्टीकरण के जोर और जिहादी मानसिकताओं को मिल रही इज्जत ने बीजापुर में होनेवाले स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम को ही रद्द कर करवा दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक इकाई एसडीपीआई ने बीजापुर के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम से दंगा होने की धमकी दी थी, उन्होंने इस संदर्भ में बीजापुर पुलिस अधीक्षक को पत्र सौंपा है। इसके बाद एक वीडियो जारी करके एसडीपीआई ने दावा किया था कि, स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम रद्द करने को लेकर पुलिस अधीक्षक ने उन्हें आश्वासन दिया है। इसका परिणाम चंद घंटों में ही दिखा कि, बड़ी ही तत्परता से बीजापुर में आयोजित स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम रद्द करा दिया गया।

कांग्रेस राज में जागे इस्लामी कट्टरवादी
कांग्रेस की सत्ता आने के बाद से ही कर्नाटक में इस्लामी तुष्टीकरण का राज हो गया है। जैसे ही कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में सत्ता संभाली, सबसे पहले हिजाब पर लगे प्रतिबंध, हलाल, गोहत्या और धर्मांतरण विरोधी कानून को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। धर्मांतरण विरोधी कानून, शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को समाप्त कर दिया गया तो, स्वातंत्र्यवीर सावरकर और आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार पर लिखी जानकारियों को स्कूली पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है।

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एसडीपीआई का इतिहास
पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया के राजनीतिक धड़े सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया का गठन 21 जून, 2009 को किया गया। इसे कमजोर वर्ग के विकास के नाम पर खड़ा किया गया था। जिसमें मुस्लिम, दलित, पिछड़ी जाति और आदिवासियों को जोड़ने का नारा दिया गया। यानी भीम और मीम की राजनीति यहां से रंगने लगी थी। इसे छात्र संगठन के रूप में भी खड़ा करने का कार्य पूरे सामर्थ्य से चलता रहा है, जिससे इसे कैडर का बेस प्राप्त हो सके।

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