विपक्षी गठबंधन को शेखावत ने बताया सभी दुल्हों वाली बारात, कहा, नाम बदलने से चाल और चरित्र नहीं बदलते

शेखावत ने कहा कि वर्ष 2019 के चुनाव से पहले 2018 में भी इन्हीं विपक्षी नेताओं ने एक साथ फोटो खिंचवाए थे, लेकिन थोड़े दिन बाद ही अलग-अलग हो गए। यही हाल इस बार होगा। जिस बारात में सभी दूल्हे बनने के लिए उतावले हों, वह बारात कैसे सफल होगी।

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विपक्षी दलों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर बनाए गए गठबंधन पर केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने जोरदार हमला बोला। एक चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि नाम बदलने से चाल, चेहरे और आचरण नहीं बदलते। भारत का मतदाता अब परिपक्व हो चुका है। वह सब नेताओं की असलियत जानता है। उन्होंने दावा किया कि आगामी चुनाव में राजस्थान में ही नहीं, बल्कि देश में भी मतदाता नया इतिहास रचेगा और प्रचंड बहुमत से भाजपा की सरकार बनेगी।

शेखावत ने कहा कि वर्ष 2019 के चुनाव से पहले 2018 में भी इन्हीं विपक्षी नेताओं ने एक साथ फोटो खिंचवाए थे, लेकिन थोड़े दिन बाद ही अलग-अलग हो गए। यही हाल इस बार होगा। जिस बारात में सभी दूल्हे बनने के लिए उतावले हों, वह बारात कैसे सफल होगी। विपक्ष द्वारा मणिपुर के मुद्दे पर संसद में हंगामा करने के मुद्दे पर केन्द्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष केवल मणिपुर का मुद्दा बनाए रखने के लिए मुद्दा उठा रहा है। उस पर चर्चा नहीं करना चाहता, क्योंकि उसे पता है कि यदि चर्चा हुई तो फिर राजस्थान और छत्तीसगढ़ का नाम भी आएगा। उन्होंने दावा किया कि जब अविश्वास प्रस्ताव पर भाजपा के नेता बोलना शुरू करेंगे तो इनके पास कोई जवाब नहीं होगा और ये भाग खड़े होंगे।

राजस्थान में चलती रही कुर्सी की लड़ाई

गहलोत सरकार के रिपीट होने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मीडिया ने पहले भी नंबर वन मुख्यमंत्री घोषित किया था, लेकिन प्रदेश की जनता ने 163 सीटें देकर भाजपा को प्रचंड बहुमत से जिताया था। इस बार भी ऐसा ही होने वाला है। उन्होंने कहा कि इस सरकार में पूरे कार्यकाल में कुर्सी की लड़ाई चलती रही। कांग्रेस सरकार ने राजस्थान को बलात्कार की राजधानी बना दिया। माफिया राज पनपा। पेपरलीक में प्रदेश नंबर वन हो गया। अब राजस्थान की जनता एक-एक दिन गिन रही है। यूनिफॉर्म सिविल कोड पर उन्होंने कहा कि यह अभी प्रक्रिया रत है। सरकार इस पर भी समय आने पर निर्णय करेगी। अभी चर्चा करना जल्दबाजी होगा।

मैं कार्यकर्ता, मेरा काम भारत माता की जय करना
शेखावत ने मुख्यमंत्री पद के नाम पर चल रही चर्चाओं पर विराम लगाते हुए कहा कि मैं विचार आधारित पार्टी का कार्यकर्ता हूं। इसलिए मैं यह तय नहीं कर सकता। संगठन ही तय करेगा कि मुझे कब क्या भूमिका निभानी है। लेकिन मैं यह जानता हूं कि मेरा काम भारत की जय करना है, मुझे संगठन जो भी काम देगा उसे पूरी ऊर्जा से निभाउंगा।

मोदी जी के चेहरे पर लड़ेंगे चुनाव
राजस्थान में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर पूछे गए सवाल पर शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा। यह तय करना पार्टी के संसदीय बोर्ड का काम है, लेकिन यह तय है कि राजस्थान में भाजपा की सरकार बनाने के लिए भाजपा विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता नरेन्द्र मोदी जी के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी। बाद में मुख्यमंत्री का नाम संसदीय बोर्ड तय करेगा।

जल जीवन मिशन चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा साबित होगा
शेखावत ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जल जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी लाने के लिए जिस गति से देश में काम हो रहा है, उससे निश्चित ही यह मिशन चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2014 में सामान्य मानवी के जीवन में परिवर्तन के लिए कल्याणकारी योजनाएं की थी। उन्हें धरातल पर उतारा गया। इसके बाद वर्ष 2019 में लाल किले से उद्घोष किया कि हर घर में पीने का पानी पहुंचाया जाएगा। निश्चित ही जलशक्ति मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही जल जीवन मिशन की योजनाएं डिलीवरेबल होगी। जब इस मिशन को शुरू किया था, तब देश में घरों में पानी पहुचंने का प्रतिशत मात्र 16 था, जो अब बढ़कर 65 प्रतिशत तक जा पहुंचा। हमने आजादी के बाद से अब तक कार्यकाल की तुलना में तीन गुना ज्यादा डिलीवरी दी। इसलिए कहा जा सकता है कि यह आने वाले चुनााव में निश्चित ही महत्वपूर्ण मुद्दा बनेगा।

केन्द्र के एकीकृत प्रयासों का नतीजा, भूजलस्तर बढ़ने लगा
जोधपुर में भूजल स्तर बढ़ने की समस्या पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में गिरते भूजल स्तर की समस्या से निपटने केन्द्रीय स्तर पर जो एकीकृत प्रयास किए गए थे। उसका परिणाम है कि कई इलाकों में भूजल स्तर बढ़ने लगा है। जोधपुर भी उसमें से एक है, लेकिन वहां बढ़ता भूजल स्तर एक चुनौती बन गया है। इसके लिए आईआईटी रुड़की ने एक रिसर्च करके सुझाव दिया था कि नलकूप लगाकर लगातार पानी बाहर निकाला जाए। मैंने भी राज्य सरकार को पत्र लिख कर सुझाव दिया गया था कि इस पानी को निकाल कर उद्योगों को दे दिया जाए।

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