बजट सत्रः अडाणी के मुद्दे पर विपक्ष एकजुट, सरकार को घेरने के लिए विपक्षी पार्टियां तैयार

संसद के बजट सत्र की कार्यवाही शुरुआती 4 दिन में से 2 दिन हंगामे की भेंट चढ़ चुकी है।

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संसद के बजट सत्र की कार्यवाही का 6 फरवरी को पांचवा दिन था। शुरुआती 4 दिन में से 2 दिन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ चुकी है 6 फरवरी को भी लोकसभा की कार्यवाही हंगामे के कारण 7 फरवरी को 11:00 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

सरकार जवाब देने के लिए तैयार
संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है कि संसद की परंपरा है कि जब भी राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा, सबसे पहले धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होती है। निवेदन करता हूं कि परंपरा जारी रहने दें, इसे न तोड़े। जोशी ने कहा कि सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं।

आक्रामक मूड में विपक्ष
विपक्ष पर सरकार की तमाम दलीलों का कोई असर नहीं हो रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और वित्त मंत्रालय एडिनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर अपनी स्थिति साफ कर चुके हैं। लेकिन विपक्षी दलों ने इसे राजनीति का अखाड़ा बना दिया है।
विपक्षी पार्टियां अपनी राजनीति चमकाने में लगी हैं।

संसद को ठप करके विपक्षी दलों ने अपने इरादों का साफ कर दिया है । विपक्ष इस मुद्दे को भुनाना चाहता है । विपक्ष ने मांग की है कि सरकार इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी से या सर्वोच्च न्यायालय से निगरानी कराए।

अडाणी मुद्दे पर विपक्ष एकजुट
कांग्रेस सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगी हुई है । कांग्रेस, डीएमके, एनसीपी बीआरएस, जदयू राजद, समाजवादी पार्टी, सीपीआई, जेएमएम, आरएलडी, आर एस पी , शिवसेना सहित अन्य कई दलों के नेता इस मुद्दे पर मिलकर लड़ रहे हैं । विपक्षी दलों में ज्यादातर दल अपने-अपने राज्यों में कांग्रेस के खिलाफ लड़ रहे हैं । लेकिन अडाणी मामले पर सब एकजुट हैं ।

विदेशी फर्म पर भरोसा
अमेरिकी फर्म हिडन वर्क रिसर्च की एक रिपोर्ट आने के बाद विपक्षी दलों ने भारतीय जीवन बीमा निगम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा बाजार मूल्य खोलने वाली कंपनियों में भारतीयों के करोड़ों रुपए के नुकसान पर चर्चा न होने तक संसद ठप करने का दावा किया है।

कांग्रेस सांसद याग्निक ने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा होने वाली कंपनी में निवेश करोड़ों की गाढ़ी कमाई को खतरे में डालने के मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नियम 207 के तहत नोटिस दिया गया है ।

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