आतंकी षड्यंत्र पर भाजपा के शेलार के छह सवाल… उत्तर देगी सरकार?

महाराष्ट्र समेत देश के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार आतंकियों का मुद्दा अब तूल पकड़ता जा रहा है। मुंबई पुलिस की नाक के नीचे आतंकी साजिश हो रही थी, इसको लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मुंबई से आतंकी को गिरफ्तार किया है, यह मुद्दा अब तूल पकड़ता जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे पर सरकार और पुलिस की कार्य प्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़े किया हैं।

भाजपा विधायक आशीष शेलार ने महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार और पुलिस से गंभीर प्रश्न किये हैं। जिस पर उन्होंने गृहमंत्री से भी उत्तर मांगा है। उन्होंने कहा कि, यह गणपति बाप्पा का कृपा थी कि उनका षड्यंत्र पूरा नहीं हुआ। ऐसी घटनाएं तब होती हैं, जब सरकार के लोग पुलिस विभाग को दूसरे कार्यो में उलझा देते हैं। जिससे अतिआवश्यक विषयों की ओर से पुलिस का लक्ष्य भटक जाता है। हमारी पुलिस कर्तत्ववान है, उनका कार्य बहुत बड़ा है, जिस प्रकार से सौदेबाजी, वसूलीबाजी का काम हमारी पुलिस के सिर पर लादा गया है उससे ऐसी परिस्थिति आती है। यह सरकार दो वर्षों में नेताओं को फंसाओ, प्रताड़ित करो, पत्रकारों को परेशान करो, गिरफ्तार करो इन्हीं कार्यों में पुलिस का उपयोग कर रही है इसलिए ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं।

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शेलार का छह सवाल

  1. जब आतंकी षड्यंत्र हो रहा था राज्य सरकार और पुलिस सोई थी क्या?
  2. जान मोहम्मद शेख व समीर को महाराष्ट्र से और इनमें से एक को धारावी से गिरफ्तार किया गया, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को भनक लग जाती है लेकिन एंटी टेरोरिज्म स्क्वॉड को इसकी जानकारी नहीं लगती है। क्या एटीएस सोई थी?
  3. हमारे हिंदू त्यौहार रामलीला आदि पर आतंकी हमला करने का षड्यंत्र रचने के लिए दाऊद का भाई अनीस आर्थिक मदद कर रहा था और प्रशिक्षण सीमा पार पाकिस्तान से दिया जा रहा था। ऐसी स्थिति में हमारी पुलिस क्या कर ही थी?
  4. असंज्ञेय अपराध (नॉन कॉग्नेजेबल ऑफेन्स) में केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार करनेवाली हमारी पुलिस, पत्रकारों को रोकने के लिए हाथ नहीं पैर भी लगाएंगे यह कहनेवाली हमारी पुलिस, राज्य के एक विद्यमान विधायक के खिलाफ लुकआउट नोटिस निकालनेवाली हमारी पुलिस इन आतंकियों के प्रकरण में क्यों लापरवाह थी?
  5. इस प्रकरण की जानकारी गुप्तचर शाखा या गृह मंत्री को थी क्या, यदि थी तो उन्होंने क्या किया?
  6. यदि एक विशिष्ट समाज के लोग इसमें हों तो ढीला रवैया अपनाएं ऐसा कुछ तो नहीं है? गृह मंत्री अपनी भूमिका स्पष्ट करें
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