अब तक थे जिनके सहारे, वो भी हो गए पराये!

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चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी एमलए और एमएलसी विहीन तो पहले ही हो चुकी है, अब नेता-कार्यकर्ता भी उनका साथ छोड़कर उनकी मुसीबतें बढ़ा रहे हैं। 2019 में कराए गए बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद से ही उनकी पार्टी में भगदड़ मची हुई है। तब से अब तक एलजेपी के काफी नेता चिराग की रोशनी कम कर नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड को रोशन करने में लगे हैं, वहीं अब भारतीय जनता पार्टी भी उन पर बम फोड़ने जा रही है। 9 मार्च को पश्चिम चंपारण में एलजेपी के दो सौ से ज्यादा नेता-कार्यकर्ता भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं।

9 मार्च को मिलन समारोह
पश्चिम चंपारण जिला मुख्यालय बेतिया में 9 मार्च को इसके लिए एक मिलन समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस समारोह में एलजेपी के पांच प्रखंडों के अध्यक्ष के साथ ही डेढ़ सौ से अधिक पंचायत अध्यक्ष भी भाजपा का दामन थाम लेंगे। एलजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष श्मायनंद चौरसिया, पूर्व उपाध्यक्ष राधेश्याम राय सहित लगभग दो सौ नेता-कार्यकर्ता भाजाप में शामिल हो जाएंगे।

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चिराग पासवान पर आरोप
बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट बंटवारे को लेकर नाराज प्रदेश महासचिव व सीतामढ़ी के प्रभारी विश्वनाथ कुशवाहा तथा प्रदेश दलित सेना के महासचिव रामेश्वर हजारा सहित पश्चिम चंपारण के 30 नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। दो सौ नेताओं के एलजेपी छोड़कर भाजपा में शामिल होने के मुद्दे पर बोलते हुए कुशवाहा ने कहा कि चिराग पासवान कुछ लोगों के हाथों की कठपुतली बन गए हैं। वे मनमानी कर रहे हैं और एलजेपी में आंतरिक लोकतांत्र खत्म हो चुका है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में आस्था जताई और उनके नेतृत्व में देश के विकास में सहभागी बनने की इच्छा जताई।

अब भाजपा देगी झटका
यहां ध्यान देनेवाली बात यह है कि चिराग पासवान को बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी मुखर समर्थन मिला था। लेकिन अब उनकी ही भाजपा पार्टी चिराग के दो सौ नेताओं-कार्यकर्ताओं को अपने साथ जोड़कर उन्हें भरपूर चोट पहुंचाने जा रही है।

हाल ही में एलजेपी के 208 नेताओं ने थाम लिया था जेडीयू का दामन
पटना के जेडीयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में लोजपा के 208 नेता जेडीयू में शामिल हो गए थे। इनमें लोजपा के 18 जिलाध्यक्ष, पांच प्रदेश महासचिव जैसे बड़े पदाधकारी भी शामिल थे। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने इन सभी का पार्टी में स्वागत किया था। इस मौके पर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, महेश्वर हजारी और गुलाम रसूल बलियावी जैसे कई नेता मौजूद थे।

जनवरी में भी पार्टी छोड़ चुके हैं 27 नेता
इससे पहले जनवरी 2021 में भी लोजपा के 27 नेताओँ ने सामूहिक रुप से इस्तीफा दे दिया था। इन्होंने एनडीए सरकार को समर्थन देने का ऐलान करते हुए लोजपा का साथ छोड़ दिया था।

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पार्टी में मची है भगदड़
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव मे हार के बाद चिराग पासवान की पार्टी लोजपा में भगदड़ मची है। अब तक कई नेता पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टियो में शामिल हो चुके हैं। 17 फरवरी को भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर लोजपा में शामिल हुए रामेश्वर चौरसिया ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इस तरह लोजपा से नेता-कार्यकर्ताओं का निकलना जारी है।

केशव सिंह हैं सूत्राधार
लोजपा में इस बड़ी बगावत का सूत्राधार बागी और निष्कासित नेता केशव सिंह को माना जा रहा है। उन्होंने सबसे पहले पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान के प्रति नाराजगी जताई थी। बता दें कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए उन्हें लोजपा से निष्कासित कर दिया गया था।

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