29 जनवरी से बजट सत्र का आगाज हो गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बाद संसद सत्र की औपचारिक शुरुआत हो गई। अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने देश के ज्वलंत मुद्दों का जिक्र करते हुए उन पर सरकार का पक्ष रखा। राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने जहां कोरोना काल में सरकार द्वारा लाखों लोगों की जान बचाने की बात कही, वहीं कृषि कानूनों को किसानों के हित में बताया।
पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए।
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 29, 2021
ये खबर भी पढ़ेंः ओवैसी को ऐसे झटका देने की तैयारी में हैं नीतीश!
- अभिभाषण की खास बातें
चुनौती कितनी भी बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा। भारत जब-जब एकजुट हुआ है, तब-तब उसने असंभव से लगनेवाले लक्ष्यों रो हासिल किया है। महामाहारी से लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खो दिया। लेकिन मुझे संतोष है कि मेरी सरकार के समय पर लिए गए सही फैसलों से लाखों देशवासियों के जीवन बचाए जा सके - कोरोना काल में अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सरकार ने रिकॉर्ड आर्थिक पैकेज की घोषण की। साथ ही इस बात का ध्यान रखा कि किसी को भूखा न सोना पड़े। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से 8 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को 5 किला अतिरिक्त अनाज निःशुल्क वितरित किया गया। गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत 50 करोड़ मैन डेज के बराबर रोजगार पैदा किए गए।
- करीब 31 हजार करोड़ रुपए गरीब महिलाओं के जनधन खातों मे ट्रांसफर किए गए। इस दौरान देश भर में उज्ज्वला योजना की लाभार्थी महिलाओं को 14 करोड़ से ज्यादा के मुफ्त सिलेंडर भी दिए गए। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत देश में 1.5 करोड़ गरीबो को 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया गया।
- हमारे लिए गर्व की बात है कि आज भारत विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है। इस प्रोग्राम की दोनों वैक्सीन भारत में निर्मित की गई है। संकट के समय मानवता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए अनेक देशों को कोरोना वैक्सीन की लाखों खुराक मुफ्त में उपलब्ध कराई जा रही हैं।
- पिछले छह वर्षों में बीज से लेकर बाजार तक हर व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन का प्रयास किया गया, ताकि भारतीय कृषि आधुनिक भी बने और इसका विस्तार भी हो। मेरी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करते हुए लागत से डेढ़ गुना एमएसपी देने का निर्णय लिया है।
- संसद ने सात महीने पूर्व कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्यि विधेयक- कृषि सेवा करार विधेयक और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए हैं। इन कृषि सुधारों का सबसे बड़ा लाभ 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तत्काल मिलना शुरू हो गया है।
- गणतंत्र दिवस पर तिरंगे और पवित्र दिन का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए।