जानिये, किस काम का मुख्यमंत्री योगी के साथ प्रशिक्षण लेना चाहते हैं अखिलेश यादव?

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव जैसे राजनीति धुरंधर एक मंच पर जुटे।

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सियासी पहलवानों के लिए उत्तर प्रदेश की धरती सबसे उर्वरा मानी जाती रही है। ऐसी माटी के अखाड़े में पहलवान जुटें और सियासी ताल न ठोकें, यह हो नहीं सकता। जी हां, कुछ इसी तरह का माहौल 20 मई को उप्र विधान सभा में उस वक्त देखने को मिला जब विधायकों के लिए प्रबोधन कार्यक्रम और ई-विधान व्यवस्था के उद्घाटन अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव जैसे राजनीति धुरंधर एक मंच पर जुटे।

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इस कार्यक्रम में सबसे पहले उप्र विधान सभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने अपनी बात रखी। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री योगी का मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया। साथ ही नेता प्रतिपक्ष के सहयोगात्मक रवैये के लिए सराहना की और धन्यवाद दिया। अध्यक्ष के बाद पूर्व मुख्यमंत्री व विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव खड़े हुए। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि विधान सभा को नई तकनीक से लैस करने के लिए साधुवाद। अखिलेश ने कहा कि तकनीक का इस्तेमाल हम सबको करना चाहिए। तकनीक के इस्तेमाल से पारदर्शिता आएगी और जवाबदेही तय होगी। साथ ही भ्रष्टाचार को रोकने में भी मदद मिलती है। मुझे जानकारी मिली है कि दो दिनों तक सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। अखिलेश ने कहा कि मैं चाहता हूं कि मुख्यमंत्री जी और मेरा अलग से एक साथ प्रशिक्षण हो। उनकी इस बात को लोगों ने चुटकी के तौर पर लिया।

कई कीर्तिमान स्थापित
अखिलेश यादव चुटकी लें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भला पीछे कैसे रह सकते हैं। योगी ने अपना भाषण शुरू किया। उन्होंने ई-विधान व्यवस्था लागू करने और विधायकों के प्रबोधन के लिए उप्र विधान सभा अध्यक्ष के प्रति आभार प्रकट किया। पिछले पांच साल के दौरान प्रदेश में हुए विकास कार्यों की संक्षिप्त चर्चा की। साथ ही कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद उप्र विधान सभा ने कई कीर्तिमान स्थापित किये। सदन चलाया गया। इसके बाद उन्होंने ई-विधान व्यवस्था का जिक्र करते हुए अखिलेश की चुटकी का जवाब दिया। योगी ने कहा कि तकनीक हमें आगे बढ़ने में मददगार है। इसलिए हमें तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए, लेकिन तकनीक का पिछलग्गू नहीं बनना चाहिए। पिछलग्गू बनना ठीक नहीं है। आप सब पर जनता ने भरोसा जताया है। ऐसा न हो कि तकनीक के पीछे भागते-भागते आप लोग क्षेत्र में जाएं ही नहीं। सब कुछ डिजिटल करने लगें। सोशल मीडिया के माध्यम से ही जनता के बीच अपनी पहुंच बनाने में जुट जाएं। ऐसा करेंगे तो जनता भी आपको डिजिटली वोट दे देगी। योगी के इस बयान को अखिलेश के प्रशिक्षण वाले बयान से जोड़कर देखा जा रहा है। कुल मिलाकर इस कार्यक्रम के दौरान इन दो नेताओं की यह बातें चर्चा का केन्द्र बनी रहीं।

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