नेपाल में भारत विरोधी प्रदर्शन करना अब नहीं खेल! मिलेगी ऐसी सख्त सजा!

नेपाली सरकार ने चीन द्वारा अतिक्रमित भूमि मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है।

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नेपाल में सरकार बदलते ही देश की रणनीति भी बदल गई है। चीन को अपना सबसे अच्छा दोस्त और शुभचिंतक बताने वाले प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार की विदाई के बाद वहां शेर बहादुर देउबा की सरकार आई है और तब से भारत विरोधी हर तरह के बयान और नीति में बदलाव साफ दिख रहे हैं। भारत को स्पेशल बताकर पीएम देउबा ने चीन को पहले ही यह स्पष्ट संकेत दे दिया था कि अब नेपाल में उसकी मनमानी नहीं चलेगी।

नेपाल में अब भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रदर्शन करना और पुतला जलाना परेशानी का कारण बन सकता है। नेपाल सरकार ने पीएम मोदी के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को जेल भेजे जाने का आदेश जारी किया है।

24 घंटे में दो आदेश
नेपाल में नई सरकार का गठन हो चुका है। उसके बाद सत्ताधारी गठबंधन दल माओवादी और समाजवादी पार्टी के समर्थकों ने भारत के विरोध में प्रदर्शन किया। नेपाल सरकार ने उनके प्रदर्शन को गंभीरता से लेते हुए भारत के प्रधानमंत्री का पुतला जलाए जाने पर जेल भेजे जाने का आदेश जारी कर दिया। पिछल 24 घंटे में नेपाल के गृह मंत्रालय ने दो आदेश जारी कर यह जता दिया है कि भारत उसके लिए कितना महत्वपूर्ण है।

पहला आदेश
पहले आदेश में कहा गया है, ‘पिछले कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि हमारे मित्र राष्ट्र के प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाया जा रहा है। उनके खिलाफ नारेबाजी की जा रही है, जुलूस और प्रदर्शन किया जा रहा है, पुतला जलाया जा रहा है। इस तरह की निंदनीय घटना को लेकर गृह मंत्रालय गंभीर आपत्ति जताता है।

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दूसरा आदेश
दूसरे आदेश में कहा गया है,’नेपाल अपनी भूमि अपने मित्र राष्ट्र के विरोध के लिए इस्तेमाल नहीं होने देने के लिए प्रतिबद्ध है। पड़ोसी देश के स्वाभिमान और सम्मान को आंच पहुंचे इस तरह की किसी भी हरकत को माफ नहीं किया जा सकता है।’ इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगर पड़ोसी देश या मित्र देश के पीएम के खिलाफ किसी तरह का प्रदर्शन किया जाता है या पुतले जलाए जाते हैं, तो दोषियों को जेल की सजा हो सकती है।

चीन द्वारा अतिक्रमित भूमि मामले की जांच
बता दें कि नेपाली सरकार ने चीन द्वारा अतिक्रमित भूमि मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। सरकार के इस निर्णय के बाद नेपाल में सत्तारुढ़ माओवादी और समाजवादी पार्टी के छात्र संगठनों ने पुरानी बातें को निकालकर भारत का विरोध किया और पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला जलाया। उसके बाद नेपाल सरकार ने सख्त आदेश जारी किया है।

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