15 दिनों में मुंबई लोकल में यात्रियों की संख्या 31 लाख बढ़ी! कैसे, जानने के लिए पढ़ें ये खबर

वर्तमान में मुंबई लोकल अत्यावश्यक सेवा में कार्यरत लोगों के लिए ही उपलब्ध है। लेकिन पिछले 15 दिनों में मुंबई लोकल में यात्रा करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है।

89

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में लोकल ट्रेनों का महत्व इसी बात से समझा जा सकता है कि इसे महानगर की लाइफलाइन के नाम से जाना जाता है। लेकिन कोरोना संक्रमण ने इस लाइफलाइन में आम लोगों को यात्रा करने पर लगी रोक के कारण मुंबईकरों की लाइफ में बड़ी समस्या पैदा हो गई है। फिलहाल लोकल ट्रेन अत्यावश्यक सेवा में कार्यरत लोगों के लिए ही उपलब्ध है। लेकिन पिछले 15 दिनों में मुंबई लोकल में यात्रा करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है। एक अनुमान के अनुसार पिछले एक फखवाड़े में लोकल में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या बढ़कर 31 लाख तक पहुंच गई है। हालांकि सरकार या रेलवे ने इसके नियमों में कोई बदलाव नहीं किया है।

इसलिए बढ़ी लोकल में भीड़!
‘ब्रेक द चेन’ के तहत, सीमित संख्या में आपातकालीन सेवाओं, चिकित्सा सेवाओं, रोगियों और विकलांगों को लोकल में यात्रा की अनुमति है। इस बीच एसटी ने भी मुंबई में अपनी सेवा बंद कर दी है। समझा जा रहा है कि इस कारण आम मुंबईकरों ने अपने कार्यस्थल पर पहुंचने के लिए लोकल में यात्रा शुरू कर दी है।

ये भी पढ़ेंः महाराष्ट्रः पूर्व विधायक विवेक पाटील इस मामले में गिरफ्तार!

मुंबईकरों के पास विकल्प नहीं
दरअस्ल मुंबईकरों के लिए एसटी की सेवा बंद कर देने के बाद अब अपने कार्यस्थल पर पहुंचने का विकल्प काफी हद तक बंद हो गया है और जो विकल्प निजी वाहन तथा ऑटो-टैक्सी हैं, वे काफी महंगे हैं। इस स्थिति में लोगों के अपने कार्यस्थल पर पहुंचने के लिए फर्जी आई कार्ड बनाने जैसे जुगाड़ कर लोकल में यात्रा करने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इस कारण सुबह और शाम पिक ऑवर में लोकल के दरवाजे तक यात्रियों की भीड़ दिखनी शुरू हो गई है।

बढ़ रही है पीठ दर्ज जैसी समस्या
कल्याण-कसारा, कर्जत, खोपोली, वसई-विरार, नालासोपारा से सड़क मार्ग से मुंबई आने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है। इतनी दूर से बस से यात्रा करने से पीठ दर्द और रीढ़ की हड्डी के रोग भी बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही ट्रैफिक जाम, मूसलाधार बारिश जैसे कारणों से उन्हें समय पर कार्यस्थल पर पहुंचना असंभव हो गया है।

ये भी पढ़ेंः यूपी चुनाव 2022: भाजपा के लिए 2017 की जीत को दोहराना आसान नहीं! ये हैं चुनौतियां

क्या कहते हैं प्रवासी संगठन के नेता?
उपनगरीय प्रवासी महासंघ के अध्यक्ष नंदकुमार देशमुख ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि बढ़ती परिवहन लागत ने यात्रियों का जीवन कठिन बना दिया है। इस कारण उनकी आय और व्यय में संतुलन बिगड़ गया है। इसलिए लोकल में आम यात्रियों को यात्रा की मंजूरी दी जानी चाहिए। उन्होंने ऐसा नहीं करने पर बहुत जल्द उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

यात्रियों की संख्या
मध्य रेलवे
5 जून – 11 लाख
10 जून – 12 लाख 50 हजार
15 जून – 15 लाख

पश्चिम रेलवे
5 जून – 9 लाख 50 हजार
10 जून – 13 लाख
15 जून – 16 लाख

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.