जानिये, कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा किन लोगों की गई जान!

मधुमेह के मरीजों की कोरोना से सबसे ज्यादा मौत हुई। इनमें भी रोगी टाइप 1 से ग्रसित ज्यादा थे।

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भारत को विश्व का मधुमेह की राजधानी कहा जाता है। यहां अधिकांश घरों में मधुमेह के मरीज पाए जाते हैं। इस बीमारी में रक्त में गलुकोज का स्तर एक सीमा से अधिक हो जाती है। इस बीमारी में शरीर में अधिक शर्करा रक्त रहता है। इस बामारी का अभी तक कोई स्थाई उपचार नहीं है। इस बीमारी से बचने के लिए वजन कम करना, पौष्टिक भोजन करना और सक्रिय रहना जरुरी है। यदी इसका इलाज सही वक्त मे नहीं किया जाता है तो यह गंभीर रोग बन सकती है।

मघूमेह के प्रकार
मघूमेह दो प्रकार के होते हैं, डायबिटीज टाइप1 और डायबिटीज टाइप 2। डायबिटीज टाइप 1 बच्चे और कम उम्र के लोगो को होता है। टाइप 1 का अभी तक कोई कारण नहीं पता चला है। मधुमेह टाइप 2 दो साल के बच्चे को भी हो सकता है। साथ ही अधीक उम्र वाले लोगों को भी होता है। टाइप 2 सबसे साघारण डायबिटीज है।

मघूमेह मे होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं
दिल की बीमारी,आघात,गुर्दे की बीमारी,आंखों की समस्या,दंत रोग,नस की क्षति,पैर की समस्या आदि इसके कारण संभव है। ये बीमारी काफी साधारण मानी जाती है लेकिन समय पर उपचार नहीं होने पर इसका दुष्परिणाम काफी बुरा हो सकता है।

covid 19 second wave में मधुमेह रोगियों की मौत सबसे ज्यादा
मधुमेह के मरीजों की कोरोना से सबसे ज्यादा मौत हुई। इनमें भी रोगी टाइप 1 से ग्रसित ज्यादा थे। इसके आलाव हृदय और सांसों से संबंधित लोग थे। इस तरह के लोग भी कोरोना के शिकार ज्यादा हुए। फिलहाल देश में कोरोना की तीसरी लहर की चर्चा जारी है। हालांकि इसके खतरे पहली, दूसरी की तुलना में कम दिख रहे हैं।

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