जानिये, अब तक कोरोना के मिले कितने वैरिएंट और कौन है कितना घातक?

कोरोना के वैरिएंट का नामकरण ग्रीक भाषा के अक्षरों पर किया गया है। ग्रीक भाषा में कुल 24 अक्षर हैं। ये अक्षर अल्फा से शुरू होकर ओमेगा तक हैं।

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कोरोना वायरस की अब तक की दो लहरों से मची तबाही ने देश-दुनिया के लोगों को अपने बारे में काफी कुछ बता दिया है। हर उम्र के लोग इसके खतरे के साथ ही इससे बचने के उपायों के बारे में कम या ज्यादा जानते हैं। लेकिन इसके वैरिएंट को लेकर अभी भी लोगों में काफी असमंजस है। इन वैरिएंट के स्वभाव और उत्पति को लेकर तरह-तरह की बातें कही जा रही है। लेकिन कई बातें वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित नहीं हैं।

ऐसे किया गया है नामकरण

  • महत्वपूर्ण बात यह है कि वैरिएंट का नामकरण ग्रीक भाषा के अक्षरों पर किया गया है।
  • ग्रीक भाषा में कुल 24 अक्षर हैं। ये अक्षर अल्फा से शुरू होकर ओमेगा तक हैं।
  • इन्हीं के नाम पर वैरिएंट के नाम रखे गए हैं।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने अब तक 11 वैरिएंट की पहचान की है।
  • इनमें से तीन वैरिएंट को निगरानी की श्रेणी में रखा गया है।
  • अल्फा,बीटा, गामा और डेल्टा इन चार वैरिएंट को चिंताजनक श्रेणी में रखा गया है।
  • ईटा, आयोटा, कप्पा और लेम्डा इन चार को वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट की श्रेणी में रखा गया है।

निगरानी की श्रेणी में वैरिएंट
ईटा- पहला मामला यूके में सामने आया था, बाद में नाइजीरिया में भी इसके मरीज मिले।

आयोटा- पहले न्यूयॉर्क में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे थे, हालांकि अब अल्फा के मामले ज्यादा बढ़ रहे हैं।

कप्पा- इसे डेल्टा का छोटा भाई माना जाता है। इसका कारण यह है कि ये दोनों बी,1.617 उपवंश के हैं। उत्तर प्रदेश के साथ ही राजस्थान में भी इस वैरिएंट के कुछ मामले पाए गए हैं।

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कम खतरनाक वैरिएंट
एप्सिलोन-कैलिफोर्निया में पाया गया था पहला मामला

जीटा- रियो डे जेनेरियो में पाया गया पहला मामला

ये हैं सबसे खतरनाक वैरिएंट
1- अल्फा बी.1.1.7– यह सबसे पहले ब्रिटेन में सितंबर 2020 में पाया गया था। यह वैरिएंट अब तक 173 देशों में मिल चुका है। ये महिला मरीजों के लिए ज्यादा खतरनाक है।

2- बीटा बी.1.3.51- ये अगस्त 2020 में दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले पाया गया था। अब तक 122 देशों में इसके मामले सामने आ चुके हैं।

3- गामा पी.1- ये ब्राजील में दिसंबर 2020 में सबसे पहले पाया गया था। उसके बाद बहुत तेजी से फैला था। अब तक यह 74 देशों में इसके मरीज मिल चुके हैं।

4- डेल्टा बी.1.617.2- ये वैरिएंट सबसे पहले भारत में पाया गया था। ये अल्फा से 55 प्रतिशत ज्यादा तेजी से फैलता है। इसका म्यूटेड सब वैरिएंट डेल्टा प्लस है।

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